बांग्लादेश: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को लगातार निशाना बनाए जाने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। हिंदुओं के घरों को जलाने और मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाएं अक्सर सामने आती रही हैं। अब एक बार फिर बांग्लादेश के ढाका में स्थित एक इस्कॉन मंदिर को निशाना बनाते हुए उसमें आग लगा दी गई। इस घटना ने एक बार फिर बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति बढ़ती असुरक्षा और हिंसा को उजागर किया है।
इस्कॉन ने किया दावा
इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि ढाका जिले के धौर गांव में स्थित इस्कॉन मंदिर में आग लगाई गई। आगजनी के कारण भगवान कृष्ण की मूर्ति समेत मंदिर के अंदर की सभी धार्मिक वस्तुएं पूरी तरह जलकर खाक हो गईं। उन्होंने यह भी बताया कि हमलावरों ने मंदिर के पीछे की टिन की छत को उठाकर पेट्रोल या ऑक्टेन का इस्तेमाल करते हुए मंदिर में आग लगाई।
पुजारी चिन्मय दास की गिरफ्तारी से बढ़ा तनाव
घटना के संदर्भ में यह भी बताया जा रहा है कि बांग्लादेश में हिंदू पुजारी चिन्मय दास की हालिया गिरफ्तारी के बाद से माहौल बिगड़ा हुआ है। पुजारी को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिसके विरोध में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किए। पुलिस ने इन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की, जिसमें कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
धार्मिक स्थलों पर हमले चिंता का विषय
यह पहली बार नहीं है जब बांग्लादेश में हिंदू धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया गया है। इससे पहले भी दुर्गा पूजा के दौरान और अन्य हिंदू धार्मिक अवसरों पर मंदिरों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं सामने आती रही हैं। इस्कॉन मंदिर पर हालिया हमले ने अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के प्रति बांग्लादेश में बढ़ती असहिष्णुता और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया है।
Another ISKCON Namhatta Centre burned down in Bangladesh. The Deities of Sri Sri Laxmi Narayan and all items inside the temple, were burned down completely 😭. The center is located in Dhaka. Early morning today, between 2-3 AM, miscreants set fire to the Shri Shri Radha Krishna… pic.twitter.com/kDPilLBWHK
— Radharamn Das राधारमण दास (@RadharamnDas) December 7, 2024
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग
इस्कॉन के अधिकारियों ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की अपील करते हुए कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।