बांग्लादेश: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में घोषणा की कि वह भारत, नेपाल और भूटान के साथ मिलकर एक साझा आर्थिक मॉडल विकसित करने की दिशा में काम करेंगे। उनके अनुसार, इस कदम से इन देशों को लाभ मिलेगा और यह आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगा। दिलचस्प बात यह है कि यूनुस ने पाकिस्तान का नाम तक नहीं लिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बांग्लादेश अब पाकिस्तान से दूर होता जा रहा है।
बांग्लादेश की स्थिति पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है, क्योंकि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय गहरे संकट में है। पाकिस्तान के वित्तीय संकट के कारण, बांग्लादेश अब पाकिस्तान को अपनी आर्थिक योजनाओं में शामिल करने के बजाय, अपने पड़ोसी देशों के साथ सहयोग करने की ओर अग्रसर है। यूनुस ने यह भी बताया कि बांग्लादेश के पास बड़ी जनसंख्या है, जिसका सही इस्तेमाल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए किया जा सकता है।
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हाल ही में बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच द्विपक्षीय रिश्तों पर चर्चा हुई। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने भारत-बांग्लादेश संबंधों और बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन) पर भी विचार-विमर्श किया। बांग्लादेश बिम्सटेक शिखर सम्मेलन की अगली अध्यक्षता करेगा, जो इस वर्ष 2 से 4 अप्रैल तक बैंकॉक में आयोजित होगा।
बिम्सटेक का महत्व
बिम्सटेक संगठन में सात सदस्य देश शामिल हैं— बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमा, भूटान और नेपाल। यह संगठन दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के बीच आर्थिक, तकनीकी और सामाजिक सहयोग बढ़ाने का उद्देश्य रखता है। बांग्लादेश इस वर्ष बिम्सटेक शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा, जो क्षेत्रीय सहयोग को और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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भारत-बांग्लादेश के द्विपक्षीय रिश्तों पर विशेष ध्यान
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तौहीद हुसैन से मुलाकात के दौरान बांग्लादेश और भारत के बीच मौजूद मजबूत रिश्तों पर जोर दिया। दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर सहमति बन चुकी है, जिनमें सीमा विवादों के समाधान से लेकर व्यापार और जलवायु परिवर्तन तक के मुद्दे शामिल हैं। बांग्लादेश और भारत के बीच साझेदारी क्षेत्रीय शांति और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
नवीन आर्थिक दिशा में बांग्लादेश की योजनाएँ
बांग्लादेश के लिए यह आर्थिक दिशा परिवर्तन बहुत महत्वपूर्ण है। मोहम्मद यूनुस ने स्पष्ट रूप से यह बताया कि उनकी प्राथमिकता बांग्लादेश की आर्थिक स्थिति को स्थिर करना और उसके लिए सहयोगियों का चयन करना है। वह भारत, नेपाल और भूटान के साथ साझेदारी पर जोर दे रहे हैं, जिससे इन देशों के बीच आर्थिक, तकनीकी और व्यापारिक संबंध मजबूत हो सकें।