पारंपरिक आस्था और खेलों का अनोखा संगम, मेले की तैयारियां अंतिम चरण में
पिलानी: बसंत पंचमी के पावन अवसर पर पिलानी के लीखवा गांव में रविवार, 2 फरवरी को जमवाय माता के भव्य मेले का आयोजन किया जाएगा। हर वर्ष की तरह इस बार भी मेले में धार्मिक आस्था के साथ-साथ रोमांचकारी खेल प्रतियोगिताओं का अद्भुत समावेश देखने को मिलेगा। आयोजन समिति ने बताया कि मेले की तैयारियां अंतिम चरण में हैं और इस बार आयोजन को और भी भव्य बनाने की योजना है।
धार्मिक अनुष्ठानों के साथ होगी मेले की शुरुआत
सुबह जमवाय माता मंदिर में हवन और पूजा के साथ मेले का शुभारंभ होगा, जिसके पश्चात श्रद्धालुओं के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। मंदिर परिसर में गूंजती मंत्रोच्चार की ध्वनि और हवन की पवित्र अग्नि के साथ माहौल पूरी तरह आध्यात्मिक रंग में रंग जाएगा।
रोमांचक खेल प्रतियोगिताएं बनाएंगी मेले को यादगार
धार्मिक कार्यक्रमों के बाद मेले में खेलकूद प्रतियोगिताओं की धूम मचेगी, जिसमें स्थानीय युवाओं के साथ-साथ आसपास के गांवों के खिलाड़ी भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।
- कबड्डी प्रतियोगिता: प्रथम पुरस्कार 11,000 रुपये और द्वितीय पुरस्कार 5,100 रुपये रखा गया है। मैदान में धूल उड़ाते खिलाड़ियों की रणनीति और दमखम दर्शकों के रोमांच को चरम पर पहुंचा देंगे।
- दौड़ प्रतियोगिता: लड़कों की 400 मीटर दौड़ में प्रथम पुरस्कार 500 रुपये और द्वितीय पुरस्कार 251 रुपये है। 800 मीटर दौड़ में विजेता को 1,100 रुपये और उपविजेता को 500 रुपये दिए जाएंगे।
- बूढ़ा दौड़ (वरिष्ठ नागरिक दौड़): उम्र को चुनौती देते हुए बुजुर्ग प्रतिभागी मैदान में दौड़ लगाएंगे। विजेता को 500 रुपये और उपविजेता को 251 रुपये का इनाम मिलेगा।
- कुश्ती मुकाबले: मिट्टी के अखाड़े में पहलवानों के दांव-पेंच दर्शकों को सांसें थामने पर मजबूर कर देंगे। प्रथम पुरस्कार 2,100 रुपये, द्वितीय पुरस्कार 1,100 रुपये और तृतीय पुरस्कार 500 रुपये रखा गया है।
प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए पंजीकरण अनिवार्य
खिलाड़ियों के लिए खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने हेतु 200 रुपये की प्रवेश शुल्क निर्धारित की गई है। बिना पंजीकरण के किसी को भी प्रतियोगिता में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
आयोजन में रहेगा सुरक्षा और व्यवस्था का विशेष ध्यान
आयोजन समिति ने बताया कि मेले के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। गांव के युवा स्वयंसेवक व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करेंगे। इसके अलावा, आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक चिकित्सा की भी व्यवस्था की गई है।
मेले में दिखेगा परंपरा और आधुनिकता का संगम
बसंत पंचमी के इस मेले में जहां एक ओर धार्मिक आस्था की झलक देखने को मिलेगी, वहीं दूसरी ओर खेलों के माध्यम से युवाओं के जोश और ऊर्जा का प्रदर्शन होगा। यह मेला केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि परंपरा, आस्था, और उत्साह का प्रतीक है, जो हर साल गांव के लोगों को एकजुट करता है।
रहस्य और रोमांच से भरपूर रहेगा आयोजन
हर साल की तरह इस बार भी मेले में कुछ अनोखा देखने को मिलेगा। आयोजकों ने संकेत दिया है कि इस बार मेले में एक “सरप्राइज इवेंट” भी आयोजित किया जा सकता है, जिसकी जानकारी अभी गुप्त रखी गई है। इससे मेले में आने वाले लोगों के बीच उत्सुकता और भी बढ़ गई है।
क्या इस बार का मेला पिछले सालों से अलग होगा?
आयोजन समिति की तैयारियों और रहस्यमय संकेतों को देखते हुए कहा जा सकता है कि इस बार का बसंत पंचमी मेला कुछ खास और अलग होने वाला है। तो तैयार हो जाइए, क्योंकि लीखवा गांव का यह मेला आपके लिए लेकर आ रहा है परंपरा, खेल, और रोमांच का अद्भुत संगम।