चिड़ावा: शहर में पेयजल संकट दिनों-दिन विकराल रूप ले रहा है। वार्ड 3, 4 और 5 में लगातार पानी की आपूर्ति बंद रहने से परेशान सैकड़ों महिलाएं और पुरुष सोमवार को जलदाय विभाग कार्यालय के बाहर जमा हुए और करीब चार घंटे तक जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान गुस्साए लोगों ने पानी के मटके और प्लास्टिक कैन सड़क पर तोड़कर नाराजगी जताई। प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने बताया कि उनके घरों में कई दिनों से पीने का पानी तक नहीं आ रहा, जिससे छोटे बच्चे और बुजुर्ग प्यास से बेहाल हैं।
विरोध के बीच कुछ महिलाओं ने अधिकारियों की सद्बुद्धि के लिए भजन गाकर अपनी पीड़ा व्यक्त की, जिससे आंदोलन का माहौल अलग हो गया। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि उनके वार्ड के लिए स्वीकृत पेयजल कुआं जानबूझकर अन्य स्थान पर बनवा दिया गया है, जो विभाग की पक्षपातपूर्ण नीति को दर्शाता है। उनका कहना था कि जलदाय विभाग कुछ वार्डों को प्राथमिकता दे रहा है, जबकि अन्य क्षेत्रों की अनदेखी की जा रही है।
आंदोलनकारियों ने विभागीय अधिकारियों को घेरकर नियमित जलापूर्ति की मांग की और साफ चेतावनी दी कि केवल आश्वासन से अब काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो विरोध और बड़े स्तर पर किया जाएगा। प्रदर्शन में एक महिला ने कहा कि नहाने की तो बात दूर, पीने के पानी के लिए भी उन्हें तरसना पड़ रहा है और अगर हालात ऐसे ही रहे, तो उन्हें सड़कों पर ही दम तोड़ना पड़ेगा।
विभाग के अधिकारियों ने लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी शिकायतों पर प्राथमिकता से कार्रवाई होगी। इसके साथ ही, स्थानीय निवासियों ने पिलानी क्षेत्र के विधायक से भी तुरंत हस्तक्षेप की अपील की, ताकि वार्ड 3, 4 और 5 में पानी की समस्या का स्थायी समाधान हो सके। फिलहाल, चिड़ावा में जल संकट अब सिर्फ तकनीकी खराबी का मामला नहीं, बल्कि सामाजिक आक्रोश का बड़ा मुद्दा बन चुका है, जो समय रहते हल नहीं हुआ तो बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।