पिलानी, 28 अक्टूबर 2024: सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर आफ इंडिया (कम्युनिस्ट) के कार्यकर्ताओं ने आज बिजली बिलों में अनियमितताओं सहित अन्य मांगों को लेकर पिलानी बिजली विभाग को ज्ञापन दिया है। एसयूसीआई के कॉमरेड राजेन्द्र सिहाग के नेतृत्व में दिये गए ज्ञापन में मांग की गई है कि किसी के भी बिजली कनेक्शन ना काटे जाएं, स्मार्ट मीटर न लगाये जाएं, बिजली कटौती न की जाए, खुले पड़े ट्रांसफार्मरों को कवर किया जाए, रास्ते के बीच में लगे बिजली के खम्भों को तुरंत हटाया जाए, घरों पर से गुजरने वाले नंगे तारों को केबल में बदला जाए तथा बढ़े हुए बिजली के दाम वापस लिए जाएं।
ज्ञापन देने से पहले काॅमरेड राजेंद्र सिहाग ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद बिजली को एक मूलभूत जरूरत मानते हुए बिना लाभ हानि के आधार पर इसकी आपूर्ति करने के उद्देश्य से बिजली आपूर्ति कानून 1948 लाया गया था। लेकिन मौजूदा सरकार द्वारा जनता के पैसे से राष्ट्रव्यापी ग्रिड नेटवर्क बनाने के बाद निजी उद्योगों के हित में बिजली कानून 2023 लागू कर दिया गया है। इस कानून ने देश में बिजली उत्पादन के निजीकरण का द्वार खोल दिया। अब लगभग संपूर्ण उत्पादन कॉर्पोरेट घरानों के कब्जे में है। बिजली उत्पादन एजेंसियां सरकारों के प्रत्यक्ष संरक्षण में राज्य के स्वामित्व वाली वितरण कंपनियों को महंगी दर पर बिजली खरीदने को मजबूर कर रही हैं, जिससे आम उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। कॉमरेड राजेन्द्र सिहाग ने बताया कि लोगों के पास किसी महीने 1 हजार रुपए का बिल आता है तो किसी महीने में अचानक 30 हजार का बिल आ जाता है । लोग बिल को दुरुस्त करने के लिए बिजली विभाग के चक्कर काटते हैं और यह हर दिन का काम हो गया है। इन सभी अनियमितताओं के खिलाफ आज बिजली विभाग को ज्ञापन दिया गया है।
इन्होंने दिया ज्ञापन
ज्ञापन देने पहुंचे लोगों में नसीम बानो, इस्माइल, मुहम्मद आमीन, असलम, मुमताज, कुरड़ाराम, अजीत सिंह, प्रताप आलड़िया, महादेव जांगिड़, महावीर प्रसाद शर्मा , नंदलाल सैनी, संदीप शर्मा, विष्णु वर्मा, शंकर दहिया, डाॅ. रविकांत तथा एसयूसीआई के अन्य कार्यकर्ता शामिल रहे।