इस्लामाबाद, पाकिस्तान: पाकिस्तान सेना के भीतर गंभीर संकट के संकेत मिल रहे हैं। हाल ही में पाकिस्तान के पहलगाम क्षेत्र में मुजाहिदीनों द्वारा की गई एक बड़ी आतंकी घटना के बाद सेना के भीतर भय और अस्थिरता का माहौल फैल गया है। इससे भारत के साथ संभावित युद्ध की आशंका गहरा गई है, जिसके चलते सेना में बड़े पैमाने पर इस्तीफों और पलायन की घटनाएं सामने आ रही हैं।
पाकिस्तानी सेना के जनरल हेडक्वार्टर (GHQ), रावलपिंडी से जारी एक गोपनीय सलाह (Advisory No: ISPR/OPS/2025/04/028) में इस स्थिति को स्वीकार किया गया है। इस दस्तावेज को मेजर जनरल फैसल महमूद मलिक, HI(M), महानिदेशक ISPR ने हस्ताक्षरित किया है। एडवाइजरी के अनुसार, पहलगाम की घटना के बाद सैनिकों के बीच भय और असंतोष फैल गया है तथा सेना के मनोबल और अनुशासन पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।

एडवाइजरी में स्वीकार किया भय का माहौल
एडवाइजरी में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि यह स्थिति “भ्रामक सूचना” (Disinformation) के कारण पैदा हुई है, जिसका उद्देश्य सेना के मनोबल, एकता और ईमान (आस्था) को कमजोर करना है। इसके साथ ही, सभी सैन्य रैंकों के अधिकारियों और जवानों को भय के विरुद्ध खड़े होने और अपनी शपथ का पालन करने का निर्देश दिया गया है।
सेना के जवानों के लिए तीन मुख्य निर्देश
गोपनीय एडवाइजरी में सैनिकों को तीन स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं:
- शपथ का पालन करें: सैनिकों से कहा गया है कि वे एक मुजाहिद के रूप में राष्ट्र की रक्षा करें और डर को नकारें।
- मनोबल बनाए रखें: कमांडिंग अधिकारियों को ‘दरबार’ (बैठक) आयोजित कर सैनिकों का हौसला बढ़ाने का आदेश दिया गया है। ‘ऑपरेशन स्विफ्ट रिटोर्ट’ जैसी सफल कार्रवाइयों का हवाला देते हुए तैयार रहने पर बल दिया गया है।
- अनुशासन सुनिश्चित करें: बिना अनुमति इस्तीफा देने या सेना छोड़ने वालों के खिलाफ ‘पाकिस्तान आर्मी एक्ट, 1952’ के तहत कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
एडवाइजरी का समापन ‘पाकिस्तान जिन्दाबाद’ के नारे के साथ किया गया है।
🚨 #BREAKING:
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) April 28, 2025
Internal dissent explodes — Pakistan Army witnesses mass resignations as confidence in Asim Munir weakens. pic.twitter.com/4IRYCTvhqv
पहलगाम घटना और बढ़ता तनाव
हालांकि पहलगाम में घटी घटना के आधिकारिक विवरण अभी तक सामने नहीं आए हैं, लेकिन सूत्रों का मानना है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा भारत के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के कारण यह तनाव पैदा हुआ है। इसके चलते भारतीय सेना के संभावित जवाबी एक्शन के डर से पाकिस्तान के लगभग 1200 सैनिकों ने इस्तीफा दे दिया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, सैनिकों के मनोबल में तेज गिरावट देखी जा रही है। कई सैनिकों ने सेवा त्यागने या स्थानांतरण के लिए अपने वरिष्ठ अधिकारियों को आवेदन सौंपे हैं।
राजनीतिक हलकों में मचा हड़कंप
पाकिस्तान के राजनीतिक हलकों में भी इस एडवाइजरी को लेकर हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने सरकार और सेना नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जब स्वयं सैनिक भयभीत हैं तो देश की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी? राजनीतिक विश्लेषकों ने चेताया है कि यदि सैनिकों का असंतोष नहीं थमा, तो यह स्थिति पाकिस्तान की सुरक्षा क्षमताओं पर गंभीर असर डाल सकती है।

विशेषज्ञों की राय: बढ़ सकता है भीतरी विद्रोह का खतरा
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि केवल अनुशासनात्मक कदमों से समस्या का समाधान नहीं होगा। यदि सैनिकों के बीच फैले भय और असंतोष को संवाद और विश्वास के माध्यम से नहीं संभाला गया, तो यह स्थिति अंदरूनी विद्रोह का रूप ले सकती है। इससे न केवल सेना की युद्ध क्षमता प्रभावित होगी, बल्कि बाहरी खतरों के साथ-साथ भीतरी संकट भी पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बन जाएगा।