इस्लामाबाद, पाकिस्तान: कुछ दिन पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में भारतीय सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचा। इस हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठनों का हाथ होने की आशंका के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक में सेना को एलओसी पार आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई के लिए खुली छूट दे दी है।
सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार पाकिस्तान पर दबाव बनाने के साथ-साथ गुलाम कश्मीर (PoK) में भी सैन्य कार्रवाई के विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रही है।

पाकिस्तान में घबराहट: भारत के संभावित हमले से बौखलाए इशाक डार
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमारे पास विश्वसनीय खुफिया जानकारी है कि भारत बहुत जल्द पाकिस्तान या POK में सैन्य कार्रवाई कर सकता है।” उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की अपील की और भारत पर क्षेत्रीय अशांति फैलाने का आरोप लगाया।
डार के बयान को पाकिस्तानी मीडिया ने गंभीरता से उठाया है और इसे “युद्ध की आहट” के रूप में देखा जा रहा है।
गुलाम कश्मीर में आपात तैयारी: खाद्य और दवा आपूर्ति का भंडारण
गुलाम कश्मीर (PoK) के प्रधानमंत्री चौधरी अनवर उल हक ने शुक्रवार को विधानसभा में बताया कि एलओसी से सटे 13 निर्वाचन क्षेत्रों में दो महीने के लिए खाद्य आपूर्ति और अन्य बुनियादी आवश्यकताओं का भंडारण करने के आदेश दिए गए हैं।
“हमने खाद्य, दवाइयों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 1 अरब रुपए (3.5 मिलियन डॉलर) का आपातकालीन कोष भी स्थापित किया है,” – चौधरी अनवर उल हक
इसके अलावा, सड़कों और रणनीतिक मार्गों के रखरखाव के लिए सरकारी और निजी मशीनरी की तैनाती शुरू कर दी गई है।

मदरसों को बंद किया गया, सैन्य तनाव से जनजीवन प्रभावित
बढ़ते सैन्य तनाव के कारण गुलाम कश्मीर में 1,000 से अधिक मदरसों को गुरुवार को 10 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। स्थानीय प्रशासन ने यह कदम किसी भी संभावित आपात स्थिति से निपटने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया है।
गुप्तचर एजेंसियों के अनुसार, पाकिस्तानी सेना भी एलओसी के पार मोर्चा मजबूत करने में लगी है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ा तनाव, संयुक्त राष्ट्र की निगाहें क्षेत्र पर
भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी चिंता बढ़ रही है। अमेरिका, चीन और संयुक्त राष्ट्र की नजरें भारत की सैन्य गतिविधियों और पाकिस्तान की जवाबी तैयारियों पर टिकी हुई हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भारत ने गुलाम कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लक्षित सैन्य कार्रवाई की, तो यह सर्जिकल स्ट्राइक 2.0 या बालाकोट शैली के हमले की पुनरावृत्ति हो सकती है।