इस्लामाबाद, 30 अप्रैल 2024: पाकिस्तान के प्रमुख दक्षिणपंथी इस्लामी नेता मौलाना फजलुर रहमान ने सोमवार को पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में एक विस्फोटक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने देश की खस्ताहाल आर्थिक स्थिति और राजनीतिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान “दिवालिया होने से बचने के लिए भीख मांग रहा है,” जबकि पड़ोसी भारत “महाशक्ति बनने का सपना देख रहा है।”
रहमान, जो जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के प्रमुख हैं, ने कहा कि पाकिस्तान की मौजूदा सरकार “असली ताकतों” द्वारा नियंत्रित है, जो पर्दे के पीछे से काम करती हैं और “देश को बर्बाद कर रही हैं।” उन्होंने कहा कि इन “अदृश्य ताकतों” ने देश को “कठपुतलियों” के समूह में बदल दिया है, जो “सिर्फ फैसले लेने का नाटक करते हैं।”
उन्होंने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के गठबंधन सरकार पर भी निशाना साधा, यह आरोप लगाते हुए कि उन्होंने 2023 के आम चुनावों में धांधली की थी। उन्होंने कहा कि अगर विपक्षी दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) वास्तव में चुनावों में जीता था, तो उन्हें सरकार बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए।
रहमान ने पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था की ओर भी ध्यान आकर्षित किया, जिसमें उच्च मुद्रास्फीति, बढ़ती बेरोजगारी और विदेशी मुद्रा भंडार में कमी शामिल है। उन्होंने कहा कि देश “दिवालिया होने के कगार पर है” और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से “भीख मांगने” के लिए मजबूर है।
उन्होंने भारत के साथ एक विपरीत तस्वीर पेश की, जो तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और वैश्विक मंच पर बढ़ती ताकत वाला देश है। उन्होंने कहा, “जरा भारत और हमारी तुलना करें… दोनों देशों को एक ही दिन आजादी मिली थी। लेकिन आज वे (भारत) महाशक्ति बनने का सपना देख रहे हैं और हम दिवालिया होने से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं।”
रहमान का भाषण पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल और बढ़ती निराशा का प्रतिबिंब है। देश कई गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है, और ऐसा लगता है कि नेता इन चुनौतियों का समाधान ढूंढने में असमर्थ हैं।