इस्लामाबाद: पाकिस्तान द्वारा हाल ही में लॉन्च किए गए हैदर टैंक को लेकर पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा ने सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि इस टैंक में सबसे बड़ी परेशानी यह है कि इसे चीन के सहयोग से बनाया गया है। चीन के उत्पादों में हमेशा क्वालिटी की समस्या बनी रहती है, क्योंकि इनके हथियार टेस्टेड नहीं होते।
हैदर टैंक में क्या है?
कमर चीमा ने कहा कि पाकिस्तान ने चीन के सहयोग से बने हैदर टैंक को पाकिस्तानी सेना में शामिल कर लिया है। पाकिस्तानी सेना का कहना है कि यह टैंक आने वाले दिनों में पाकिस्तानी सेना की रीढ़ की हड्डी साबित होगा। इस टैंक में:
- 125 मिमी का गोला ऑटोमैटिक तरीके से लोड होगा और फायर करेगा।
- 7.62 मिमी की मशीन गन लगी है।
- 12.7 मिमी की मशीन गन लगी है जो रिमोट से चलने में सक्षम है।
- दो लोगों के बैठने की जगह है।
- 1500 हॉर्स पॉवर का डीजल इंजन इस्तेमाल किया गया है।
चीनी सामान पर कमर चीमा का विश्वास नहीं
कमर चीमा ने कहा कि वैसे तो इस टैंक मॉडल में सब ठीक है, लेकिन जंग के मैदान में यह कितना कारगर साबित होगा यह कहना मुश्किल है, क्योंकि चीन के सामान की टेस्टिंग नहीं होती है। उन्होंने कहा कि भारत, अमेरिका और रूस के हथियार टेस्टेड हैं ऐसे में चीनी टैंक पर ज्यादा विश्वास जताना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पुराने टैंक धीरे-धीरे रिटायर्ड हो रहे हैं ऐसे में हैदर टैंक को पाकिस्तानी सेना में शामिल किया जा रहा है।
भारत-पाकिस्तान के पास कितने टैंक हैं
कमरचीमा ने कहा कि भारत का रक्षा बजट बहुत ज्यादा है, ऐसे में पाकिस्तान इंडिया से तुलना नहीं कर सकता है। भारत सैन्य ताकत के मामले में अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया का चौथा देश है। कमरचीमा ने कहा कि 1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच बैटल टैंक युद्ध हो चुका है। आज भारत के पास करीब 3500 टैंक हैं और पाकिस्तान के पास 2400 टैंक हैं। उन्होंने सवाल किया कि इसके अलावा इंडियन फौज के पास एडवांस टेक्नॉलाजी है तो उसका मुकाबला कैसे करेंगे। साथ ही टैंक के मामले में भी इंडिया से पीछे हैं। कमर चीमा ने कहा कि पाकिस्तान अपने हथियार सिर्फ भारत के खिलाफ बनाता है, जबकि इंडिया चीन, यूरोप और अफ्रीकन कंट्री को नजर में रखकर हथियार का निर्माण करता है।