पश्चिम बंगाल, 8 अगस्त 2024: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन हो गया है। उन्होंने गुरुवार को अंतिम सांस ली, उनके निधन की उम्र 80 वर्ष थी। लंबे समय से बीमार चल रहे बुद्धदेव भट्टाचार्य ने नवंबर 2000 से मई 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था। उनकी तबीयत पिछले कुछ वर्षों में काफी बिगड़ गई थी, और वह अधिकांश समय घर पर ही रहे थे।
स्वास्थ्य की समस्या और अंतिम दिन
भट्टाचार्य क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) से पीड़ित थे, और इसी बीमारी के चलते पिछले कुछ वर्षों में वह बहुत कम ही बाहर निकले। हाल ही में, 2019 में उन्हें सीपीआई (एम) की एक रैली में देखा गया था, लेकिन धूल से एलर्जी के कारण वह रैली में शामिल नहीं हो सके और तुरंत घर लौट आए। बुधवार को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने गुरुवार सुबह नाश्ता किया, लेकिन जल्द ही उनकी तबीयत गंभीर रूप से खराब हो गई। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और इस संबंध में चिकित्सा सहायता की गई। हालांकि, गुरुवार सुबह 11 बजे एक डॉक्टर को उनसे मिलने जाना था, लेकिन उनकी तबीयत इतनी बिगड़ चुकी थी कि वह नहीं बचे।
राजनीतिक जीवन और विरासत
भट्टाचार्य ने 2011 के राज्य चुनावों में सीपीएम का नेतृत्व किया था, जिसमें सीपीएम को हार का सामना करना पड़ा। उस चुनाव में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की, जिससे पश्चिम बंगाल में कम्युनिस्ट शासन का अंत हुआ। इसके बावजूद, भट्टाचार्य का राजनीतिक योगदान महत्वपूर्ण था। 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान, सीपीएम ने बंगाल के मतदाताओं को संबोधित करने के लिए भट्टाचार्य का एक AI भाषण जारी किया था, जिसमें उन्होंने बीजेपी और तृणमूल दोनों को खारिज करने का आग्रह किया था।
व्यक्तिगत जीवन और योगदान
भट्टाचार्य एक कवि और अनुवादक भी थे। उनके राजनीतिक और साहित्यिक योगदान ने उन्हें बंगाल की राजनीति और साहित्य में एक विशेष स्थान दिलाया। उनका जीवन और कार्य दोनों ही उनके समर्पण और प्रतिबद्धता की गवाही देते हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले और उनके परिवार और समर्थकों को इस कठिन समय में सांत्वना मिले।