काठमांडू: नेपाल में सरकारी भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और नेताओं के बच्चों की ऐशो-आराम भरी जिंदगी के खिलाफ युवाओं का आक्रोश चरम पर है। हाल के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद अब युवा नए नियम-कानून और पारदर्शी शासन व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे ऐसा नेपाल चाहते हैं, जहां युवाओं को काम के अवसर मिलें और उन्हें पलायन न करना पड़े।
भ्रष्टाचार और राजनीतिक पक्षपात के खिलाफ नई मांगें
आंदोलनकारियों ने कहा कि वे अब सिर्फ विरोध नहीं बल्कि व्यवस्था बदलने के लिए सड़कों पर हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि भ्रष्टाचार और संस्थागत भाई-भतीजावाद को खत्म किया जाए। युवाओं का आरोप है कि रोजाना पांच हजार से अधिक युवा रोजगार के लिए नेपाल छोड़ने को मजबूर हैं।
हिंसा के बाद सड़कों पर चला रहे सफाई अभियान
काठमांडू और आसपास की सड़कों पर आंदोलनकारियों ने न केवल विरोध प्रदर्शन किया बल्कि सफाई अभियान भी चलाया। संसद भवन और सार्वजनिक स्थानों के बाहर कांच के टुकड़े और मलबा हटाते युवाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। एक युवक ने कहा, “हम सिर्फ तोड़फोड़ के लिए नहीं, बल्कि अपने देश को संवारने के लिए सड़कों पर आए हैं।”
नेताओं की संपत्तियों पर भी हमला
रूपनदेही जिले के भैरहवा और बुटवल में पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड के मालिकाना हक वाले सुपरमार्केट में युवाओं ने आगजनी की। मैनेजर के यस न्योपने ने बताया कि इसमें करीब पांच करोड़ का सामान जलकर खाक हो गया और लूट लिया गया। वहीं, होटल मोरया कैसिनो में हुई तोड़फोड़ के दौरान करीब 33 लाख रुपये की लूट हुई।
संसद में इस्तीफों की बाढ़
राजनीतिक संकट गहराने के साथ ही सांसदों के सामूहिक इस्तीफे शुरू हो गए हैं।
नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के सभी चार सांसदों ने सदस्यता से इस्तीफा देकर संसद भंग करने की मांग की।
इससे पहले राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के 21 सांसद और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के 14 सांसद भी इस्तीफा दे चुके हैं।
काठमांडू में सन्नाटा और सेना का पहरा
हिंसक प्रदर्शनों के बाद काठमांडू में वीरानी छाई हुई है। दफ्तर और दुकानें बंद हैं। सिर्फ आवश्यक वस्तुओं से भरे वाहन ही चलने की अनुमति पा रहे हैं। सड़कों पर सेना और सुरक्षा बलों के वाहनों का पहरा है।