नीमकाथाना, 18 दिसंबर: जिले के उदयपुरवाटी के जहाज गांव में मंगलवार को लेपर्ड के हमले से पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा बाल-बाल बच गए। गुढ़ा ने साहस दिखाते हुए डंडा लेकर तेंदुए का पीछा किया। करीब 13 घंटे तक तेंदुआ सैकड़ों ग्रामीणों और वन विभाग की टीम को छकाता रहा और अंत में जंगल की ओर भाग गया।
गांव में दहशत का माहौल
मंगलवार सुबह 6 बजे जहाज गांव के एक घर में तेंदुआ नजर आया। इसके बाद वह गलियों और खेतों में दौड़ता रहा। इस घटना से गांव में दहशत फैल गई। सूचना पर पुलिस, प्रशासन, और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तेंदुए को पकड़ने में असफल रही। जयपुर से बुलाई गई रेस्क्यू टीम भी ट्रैंकुलाइजेशन करने में नाकाम रही।
पूर्व मंत्री बाल बाल बचे
ग्रामीणों के अनुसार तेंदुआ एक घर के ढारे में छिपा हुआ था। इस दौरान पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा मौके पर पहुंचे और तेंदुए के करीब जाने लगे। अधिकारियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन तेंदुआ अचानक ढारे से बाहर आ गया और गुढ़ा से मात्र 2 मीटर की दूरी से भाग निकला। ग्रामीणों ने बताया कि तेंदुआ इससे पहले एक सांभर का शिकार कर चुका था।
रेस्क्यू टीम का असफल प्रयास
घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस टीम सक्रिय हुई। दोपहर बाद जयपुर से रेस्क्यू टीम गांव पहुंची। टीम ने अलग-अलग स्थानों पर तेंदुए को ट्रैंकुलाइज करने का प्रयास किया, लेकिन अंधेरा होने के कारण सफलता नहीं मिली। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया।
ग्रामीणों में भय का माहौल
घटना के बाद जहाज गांव में ग्रामीणों के बीच डर का माहौल है। ग्रामीणों ने वन विभाग से तेंदुए को पकड़ने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है। वन विभाग का कहना है कि तेंदुए को पकड़ने के लिए पुनः अभियान चलाया जाएगा।