नई दिल्ली: महाकुंभ में संगम स्नान के लिए प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई, जिससे 18 लोगों की मौत हो गई और 25 से अधिक लोग घायल हो गए। घटना प्लेटफार्म नंबर 14/15 पर रात करीब साढ़े आठ बजे हुई, जब प्रयागराज की ओर जाने वाली दो ट्रेनों का यात्री इंतजार कर रहे थे, लेकिन ये ट्रेनें समय पर नहीं पहुंचीं, जिससे प्लेटफार्म पर यात्री जुटने लगे।
घटना के बाद रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार ने स्थिति का जायजा लिया और मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने घटना पर दुख जताया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

मृतकों और घायलों के परिजन बिलख रहे हैं
लोकनायक अस्पताल प्रशासन ने देर रात 10 महिलाओं सहित 15 लोगों की मौत की पुष्टि की, जबकि तीन अन्य की मौत लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में हुई। कई घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है और अस्पतालों में इलाज जारी है। हादसे के बाद, स्थानीय पुलिस, एंबुलेंस और दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची। कुछ घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए लोग ऑटो से भी पहुंचे। घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल था, और घायलों के स्वजन अस्पतालों में बिलखते हुए नजर आए।
रेल मंत्री ने कहा, स्थिति नियंत्रण में है
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट कर बताया कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर स्थिति अब नियंत्रण में है और दिल्ली पुलिस एवं आरपीएफ मौके पर पहुंच गई है। घायलों को अस्पताल ले जाया जा चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि अचानक बढ़ी हुई भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं।

अव्यवस्था और भीड़ प्रबंधन की कमी
शनिवार को अवकाश होने के कारण प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अधिक थी। स्टेशन पर भीड़ प्रबंधन की पुख्ता व्यवस्था नहीं थी। प्लेटफार्म पर यात्रियों की संख्या बढ़ने के कारण स्थिति बिगड़ी। जानकारी के अनुसार, हर घंटे 1500 जनरल टिकट काटे जा रहे थे, जो एक प्रमुख कारण था भीड़ के बढ़ने का। इसके अलावा, प्लेटफार्म पर सुरक्षा के लिए सिर्फ कुछ पुलिसकर्मी और आरपीएफ के सिपाही मौजूद थे, जो स्थिति को संभालने में असमर्थ रहे।
रेलवे द्वारा चलाए गए विशेष ट्रेनें
घटना के बाद रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने पुष्टि की कि चार विशेष ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया गया, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, प्लेटफार्म नंबर 16 से प्रयागराज एक्सप्रेस भी थी, जो देर से चली थी। इसके अतिरिक्त, अन्य ट्रेनें भी थीं, जिनमें विलंब हुआ और यात्रियों की संख्या बढ़ गई।
भगदड़ की गंभीर घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब रेलवे स्टेशन पर इस तरह की भगदड़ मचने की घटना हुई है। इससे पहले भी कई अन्य स्थानों पर ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं, जैसे:
- 29 जनवरी 2025: प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ से 30 श्रद्धालुओं की मौत।
- 2 जुलाई 2024: हाथरस में धार्मिक सत्संग में भगदड़ से 107 लोगों की मौत।
- 31 मार्च 2023: इंदौर में रामनवमी हवन के दौरान हादसा, 36 मौतें।
- 1 जनवरी 2022: मां वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़, 12 श्रद्धालुओं की मौत।
- 14 जुलाई 2015: गोदावरी नदी के तट पर राजमुंदरी में भगदड़, 27 मौतें।
- 3 अक्टूबर 2014: पटना के गांधी मैदान में दशहरा के दौरान भगदड़, 32 मौतें।
- 16 मई 2010: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़, 2 मौतें, 30 घायल।
मौजूदा स्थिति पर रेलवे अधिकारियों का बयान
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, प्लेटफार्मों पर अचानक बढ़ी भीड़ के कारण यात्रियों ने एक-दूसरे को धक्का दिया, जिससे कुछ मामूली चोटें आईं। हालांकि, रेलवे प्रशासन ने किसी ट्रेन को रद्द किए जाने की पुष्टि नहीं की और चार विशेष ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया गया।