Sunday, April 20, 2025
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दौसा जेल से सीएम भजनलाल शर्मा को धमकी देने वाला पकड़ा गया आरोपी, जेल अधीक्षक सहित 3 अधिकारी निलंबित, नौ मोबाइल फोन बरामद

दौसा, राजस्थान: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जान से मारने की धमकी देने के मामले में पुलिस ने सोमवार सुबह दौसा के विशिष्ट केंद्रीय कारागार सालावास में छापेमारी की। इस कार्रवाई में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया और जेल अधीक्षक सहित तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया। मामले में एक प्रशिक्षक को भी जेल में मोबाइल सिम पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी और तलाशी अभियान

आरोपी की पहचान नीमा उर्फ साजन के रूप में की गई है, जो दार्जिलिंग का निवासी है। नीमा ने जेल से मोबाइल फोन के जरिए जयपुर पुलिस नियंत्रण कक्ष में कॉल कर मुख्यमंत्री को धमकी दी थी। पुलिस के मुताबिक, आरोपी को पकड़ने के बाद जेल में सघन तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें दो एंड्रॉयड फोन सहित नौ मोबाइल फोन बरामद किए गए।

जेल अधिकारियों पर कार्रवाई

जेल में मिले मोबाइल फोन और धमकी के मामले में पुलिस उप महानिरीक्षक (जेल) मोनिका अग्रवाल ने बताया कि मामले की जांच के बाद कार्यवाहक जेल अधीक्षक कैलाश दरोगा, जेलर बिहारीलाल और मुख्य प्रहरी अवधेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है। इस घटना ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

मोबाइल सिम की सप्लाई का आरोप

इस मामले में एक प्रशिक्षक राजेंद्र महावर को भी गिरफ्तार किया गया है। महावर पर आरोप है कि उन्होंने कैदी नीमा को मोबाइल सिम पहुंचाई थी, जिससे उसने मुख्यमंत्री को धमकी दी। पुलिस इस मामले की भी जांच कर रही है कि जेल में मोबाइल सिम और फोन कैसे पहुंचाए गए।

मामले की आगे की जांच

पुलिस ने इस घटना को लेकर दो प्राथमिकी दर्ज की हैं। पहली प्राथमिकी आरोपी नीमा के खिलाफ और दूसरी जेल परिसर में मिले नौ लावारिस मोबाइल फोन के संबंध में दर्ज की गई है। पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है और यह जानने की कोशिश कर रही है कि जेल में मोबाइल फोन और सिम कैसे पहुंचे।

क्यों उठ रहे हैं सवाल?

इस पूरे मामले में कई सवाल उठ रहे हैं:

  • जेल में इतने सारे मोबाइल फोन कैसे पहुंचे?
  • जेल प्रशासन ने इस मामले में इतनी देर क्यों की?
  • आरोपी ने यह धमकी क्यों दी?
  • क्या इस मामले में कोई और लोग शामिल हैं?

क्या हैं इस मामले के मायने?

यह मामला राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यह दिखाता है कि जेलों में सुरक्षा व्यवस्था कितनी कमजोर है। इस मामले से यह भी पता चलता है कि कैसे अपराधी जेल से ही अपने अपराधों को अंजाम देते हैं।

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