नई दिल्ली, 13 सितम्बर 2024: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। यह फैसला तिहाड़ जेल में बंद केजरीवाल के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। जेल अधिकारियों के मुताबिक, जमानत आदेश आने के एक घंटे के भीतर अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से रिहा हो जाएंगे। तिहाड़ जेल को रिलीज ऑर्डर मेल और फिजिकल फॉर्म दोनों के माध्यम से प्राप्त होता है, जिसके बाद आवश्यक प्रक्रिया पूरी की जाएगी। केजरीवाल फिलहाल तिहाड़ की जेल नंबर 2 में बंद हैं।
इससे पहले, अरविंद केजरीवाल ने जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन वहां से राहत न मिलने के बाद वे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में जमानत दी है। इससे पहले, दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और बीआरएस नेता के. कविता को भी इस मामले में जमानत मिल चुकी है।
हरियाणा चुनाव पर प्रभाव
हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए, केजरीवाल की रिहाई को अहम माना जा रहा है। हरियाणा में 5 अक्टूबर को चुनाव होने जा रहे हैं और आम आदमी पार्टी सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि केजरीवाल की जमानत से चुनाव प्रचार में उन्हें सक्रिय भूमिका निभाने का मौका मिलेगा, जिससे आप पार्टी को चुनावी लाभ हो सकता है। कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन नहीं होने से कांग्रेस के वोट बैंक पर असर पड़ सकता है, क्योंकि भाजपा विरोधी मतदाता अब कांग्रेस और आप के बीच बंट सकते हैं। इससे भाजपा को कुछ हद तक फायदा होने की संभावना जताई जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला और दलीलें
अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। पिछले सप्ताह, जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की अध्यक्षता वाली पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया था कि सीबीआई ने 2 साल तक केजरीवाल को गिरफ्तार नहीं किया था, लेकिन उनकी रिहाई को रोकने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जल्दबाजी में गिरफ्तारी की। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने उन्हें असहयोग और टालमटोल वाले जवाबों के आधार पर गिरफ्तार किया, लेकिन कानून के अनुसार, जांच में सहयोग न करने का मतलब अपराध स्वीकार करना नहीं होता। सिंघवी ने यह भी बताया कि केजरीवाल के भागने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ की कोई आशंका नहीं है।
वहीं, सीबीआई की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने दलील दी थी कि केजरीवाल की रिहाई से गवाह अपने बयान से पलट सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान आप पार्टी के कुछ प्रत्याशी तभी बयान देने आगे आए जब केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई थी।