अगरतला, त्रिपुरा: त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें 18 छात्रों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। कॉलेज प्रशासन ने यह शिकायत अगरतला के हपनिया स्थित पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की है। इस घटना ने एक बार फिर भारत के शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग की विकराल समस्या को उजागर कर दिया है।
कॉलेज प्रशासन ने आरोपियों पर की कड़ी कार्रवाई
प्राप्त जानकारी के अनुसार, त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने आरोपियों पर 10 लाख रुपये का सामूहिक जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही, सभी छात्रों को एक साल के लिए हॉस्टल से निलंबित कर दिया गया है, और उनके मोबाइल फोन पर छह महीने तक निगरानी रखी जाएगी। इस कठोर कदम का उद्देश्य रैगिंग की पुनरावृत्ति को रोकना और छात्रों में अनुशासन बनाए रखना है।
छात्राओं को प्रपोज करने का दबाव, सिर मुंडवाने की धमकी
कॉलेज की आंतरिक जांच में यह सामने आया है कि वरिष्ठ छात्रों ने नए प्रवेशित 2024 बैच के एमबीबीएस छात्रों, खासकर अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के छात्रों को बार-बार धमकाया और अपमानित किया। आरोप है कि वरिष्ठ छात्रों ने अपने जूनियर छात्रों को सिर मुंडवाने की धमकी दी और छात्राओं को प्रपोज करने के लिए मजबूर किया।
एंटी रैगिंग एनजीओ की भूमिका
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, एंटी रैगिंग एनजीओ ‘सोसाइटी अगेंस्ट वायलेंस इन एजुकेशन’ (SAVE) ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया। एनजीओ ने पीड़ित छात्रों से संपर्क कर उन्हें सहायता प्रदान की। शिकायत के अनुसार, पीड़ित छात्राओं को नमूना तस्वीरें दिखाई गईं, जिनमें यह दिखाया गया था कि किस तरह से उनके सिर मुंडवाए जाएंगे। उन्हें व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से अपने वरिष्ठों का मनोरंजन करने के लिए गाना गाने और प्रपोज करने के निर्देश दिए गए थे।
मामले की गूंज, मानवाधिकारों का उल्लंघन
एंटी रैगिंग कार्यकर्ता रूपेश कुमत झा ने इस मामले को एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन बताते हुए कहा कि यह देश के शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक चेतावनी है। उन्होंने कहा, “हम किसी भी प्रकार के मानवाधिकार उल्लंघन को शैक्षणिक संस्थानों में बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस घटना के बाद कॉलेज प्रशासन का यह कदम पूरे देश के लिए एक उदाहरण बन सकता है।”
कॉलेज प्रबंधन की प्रतिक्रिया
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरिंदम दत्ता ने मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कॉलेज प्रशासन ने एक विशेष जांच समिति का गठन किया था। इस समिति की प्रारंभिक जांच में रैगिंग के सभी आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए हैं। इस आधार पर कॉलेज ने तत्काल पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिससे आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
जुर्माने और अन्य दंड का प्रावधान
कॉलेज प्रशासन ने प्रत्येक आरोपी पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अतिरिक्त, बार-बार धमकाने वाले छात्रों पर 10,000 रुपये का जुर्माना और SAVE टीम के साथ दुर्व्यवहार करने वालों पर 25,000 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया गया है। यह कदम सुनिश्चित करता है कि रैगिंग जैसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी सजा दी जाए।