लेबनान / इज़रायल: लेबनान में इज़रायल द्वारा किए जा रहे हमलों में निरंतर वृद्धि हो रही है, और इस बीच ईरान के साथ युद्ध की संभावनाएं भी तेज होती जा रही हैं। क्षेत्र में बढ़ती हुई अशांति के बीच, समाचार एजेंसियां युद्ध के मोर्चे से ताजा जानकारी प्रदान कर रही हैं। एबीपी न्यूज के रिपोर्टर जगविंदर पटियाल ने लेबनान की राजधानी बेरूत से जमीनी रिपोर्ट दी है, जहां इज़रायल की सेना द्वारा हिज़बुल्लाह ठिकानों पर भारी हमले किए जा रहे हैं।
सैफीद्दीन की मौत की रिपोर्ट
शुक्रवार को जगविंदर पटियाल ने उस स्थान से रिपोर्ट दी, जहां इज़रायली हमले में हिज़बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह के भाई हाशेम सैफीद्दीन के मारे जाने की खबरें हैं। यह हमला बेरूत के दक्षिणी हिस्से में किया गया था, जो हिज़बुल्लाह के नियंत्रण वाला क्षेत्र माना जाता है। इस इलाके में हुए हमले के बाद स्थिति अत्यधिक गंभीर हो गई है, और इमारतें खंडहर में तब्दील हो गई हैं।
घनी आबादी वाला क्षेत्र खंडहर में तब्दील
पटियाल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जिस इमारत को निशाना बनाया गया था, वह घनी आबादी वाले इलाके में स्थित थी। इज़रायल द्वारा किए गए हमले के 15-20 मिनट बाद भी न तो पुलिस और न ही कोई मेडिकल सहायता वहां पहुंच सकी थी। इस हमले में इज़रायली सेना ने ड्रोन का उपयोग किया, जो अब लगातार हमलों के लिए सबसे प्रभावी हथियार साबित हो रहा है। पटियाल ने बताया कि इज़रायली ड्रोन पूरे इलाके में सक्रिय हैं और लगातार हिज़बुल्लाह के ठिकानों को निशाना बना रहे हैं।
दक्षिणी बेरूत में इज़रायल का प्रमुख निशाना
पटियाल की रिपोर्ट के अनुसार, इज़रायली सेना का सबसे अधिक फोकस दक्षिणी बेरूत पर है, जहां हिज़बुल्लाह का मुख्य गढ़ माना जाता है। इस क्षेत्र में इज़रायली सेना ने अब तक 30 से 40 मिसाइल हमले किए हैं, जिनमें हिज़बुल्लाह के कई बड़े नेता और उसके समर्थक मारे गए हैं। इस क्षेत्र की इमारतें लगभग पूरी तरह से तबाह हो चुकी हैं, और युद्ध के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।
इज़रायल की नई रणनीति: ड्रोन हमलों का इस्तेमाल
पहले इज़रायल ने लेबनान में मिसाइल हमलों के माध्यम से हिज़बुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाया था, लेकिन अब उसने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। वर्तमान में, ड्रोन का उपयोग कर हिज़बुल्लाह के आतंकी ठिकानों को पहले चिह्नित किया जाता है, और फिर उन पर हमले किए जाते हैं। इज़रायली ड्रोन लगातार क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं, और हर हमले में किसी न किसी हिज़बुल्लाह समर्थक या आतंकी के मारे जाने की खबरें सामने आ रही हैं।