झुंझुनूं, राजस्थान मंडावा थाना पुलिस ने उप महानिरीक्षक पुलिस झुंझुनूं के निर्देशन में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों के गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गिरोह के 13 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 3 युवतियां भी शामिल हैं। आरोपियों के कब्जे से 21 लैपटॉप, 21 मोबाइल फोन, राउटर, हेडफोन और अन्य अत्याधुनिक उपकरण बरामद किए गए हैं।
अमेरिकी नागरिकों को बनाते थे निशाना, माइक्रोसॉफ्ट कर्मचारी बनकर करते थे कॉल
गिरोह के सदस्य खुद को माइक्रोसॉफ्ट का टेक्निकल एक्सपर्ट बताकर अमेरिकी नागरिकों को फोन करते थे। वे खुद को वाशिंगटन, अमेरिका से बोलने वाला बताते और तकनीकी समस्या का समाधान देने के नाम पर लोगों को फंसाते थे। इसके लिए वे ‘Micro SIP’ एप के माध्यम से कॉल रिसीव करते थे और ‘Ultra Viewer’ एप डाउनलोड करवा कर पीड़ित के कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस ले लेते थे।
डेटा एक्सेस के बाद शुरू होती थी असली ठगी
सिस्टम का एक्सेस मिलते ही कॉल को ‘Eyebeam’ एप के जरिए गिरोह के सुपरवाइजर को ट्रांसफर कर दिया जाता था, जो पीड़ित का पूरा सिस्टम स्कैन करके बैंक डिटेल्स सहित संवेदनशील जानकारी चुरा लेते थे। इनके कंप्यूटरों में Ultra Viewer, Micro SIP, X-lite, Eyebeam और Change MAC Address जैसे एप्स इंस्टॉल थे। आरोपी VPN के जरिए विदेशी IP एड्रेस का इस्तेमाल कर अपनी लोकेशन छुपाते थे।
होटल पर छापेमारी में हुआ भंडाफोड़
13 अप्रैल 2025 को डीवाईएसपी हरि सिंह धायल के नेतृत्व में मंडावा थाना, साइबर थाना झुंझुनूं और एसपी ऑफिस साइबर सेल की टीम ने मंडावा निवासी हाजी फारूक भाटी के होटल पर फतेहपुर बाईपास रोड स्थित लोकेशन पर दबिश दी। यहां 10 युवक और 3 युवतियां संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाए गए। पूछताछ और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच के बाद पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपियों की विस्तृत सूची, अलग-अलग राज्यों से कनेक्शन
गिरफ्तार किए गए आरोपी देश के विभिन्न राज्यों से संबंध रखते हैं, जिनमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम और मेघालय शामिल हैं। पकड़े गए लोगों में कई नेपाली, मिजो, कुकी और गुरूंग समुदायों से संबंध रखने वाले हैं।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मोनू कुमार (उत्तर प्रदेश), आकाश वीके (दिल्ली), रमेश गुरूंग (दिल्ली), अमित पोल (मणिपुर), अप्सरा प्रधान (मणिपुर), जुबलिया (मणिपुर), जंगमिनखय डोंगल (मणिपुर), आशीष ओझा (दार्जिलिंग), किस्मत गजनेर (दार्जिलिंग), कुशाल थापा (मेघालय), मौसे चिंगरा (नागालैंड), चिइजोतेउ लेचु (नागालैंड) और पैट्रिक जोनुसंगा (मिजोरम) शामिल हैं। ये सभी आरोपी विभिन्न राज्यों और समुदायों से ताल्लुक रखते हैं।
पुलिस की सतर्कता से टली बड़ी ठगी, जांच में जुटी साइबर टीम
पुलिस ने बताया कि अभी इस गिरोह द्वारा की गई कुल ठगी की रकम का आकलन किया जा रहा है। साथ ही, उनके अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की भी बारीकी से जांच की जा रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, गिरोह के तार विदेशों तक फैले हुए हैं। साइबर टीम अब आरोपियों के डिजिटल डाटा की फॉरेंसिक जांच में जुटी हुई है।