झुंझुनूं, 6 सितंबर 2025: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर भारतीय किसान संघ ने आज झुंझुनूं में एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद जिले के प्रभारी और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत से मुलाकात की। जिलाध्यक्ष डॉ. पवन चौधरी के नेतृत्व में किसानों ने बकाया फसल मुआवजे और हाल ही में हुई अतिवृष्टि से फसल खराब होने के बाद तत्काल गिरदावरी कराने की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। किसानों ने स्मार्ट मीटर और नकली खाद-बीज जैसी समस्याओं पर भी अपना आक्रोश व्यक्त किया।
बकाया मुआवजे और बर्बाद फसल बनें मुख्य मुद्दे
आज सुबह भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. पवन चौधरी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें जिले की सभी तहसीलों से बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। बैठक का मुख्य एजेंडा किसानों की गंभीर समस्याएं थीं। किसानों ने इस बात पर रोष व्यक्त किया कि रबी 2022-23 का फसल मुआवजा अभी तक कई किसानों को नहीं मिला है। इसके साथ ही, हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश से खरीफ की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है, जिसको लेकर किसानों ने तत्काल गिरदावरी की मांग की ताकि उन्हें समय पर राहत मिल सके।
स्मार्ट मीटर और नकली खाद-बीज पर भी जताई चिंता
बैठक में किसानों ने सरकार द्वारा जबरदस्ती लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर का विरोध करते हुए इसे एक जनविरोधी योजना बताया। इसके अलावा, बाजार में बिक रहे नकली खाद-बीज और सरकारी रेट पर फसलों की खरीद-फरोख्त में हो रही धांधली पर अंकुश लगाने की रणनीति पर भी गंभीर चर्चा हुई। किसानों ने एकजुट होकर इन सभी समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाने का संकल्प लिया।
मंत्री को सौंपा ज्ञापन, तत्काल कार्रवाई की मांग
बैठक के बाद, एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत से भेंट की। किसानों ने ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि रबी 2022-23 का बकाया मुआवजा जल्द से जल्द किसानों के खातों में डाला जाए और अतिवृष्टि से नष्ट हुई खरीफ की फसल का तुरंत सर्वे करवाकर उचित मुआवजा स्वीकृत किया जाए। ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में जिलाध्यक्ष डॉ. पवन चौधरी के साथ जिलामंत्री सूबेदार गुगन राम, सीकर संभाग के उपाध्यक्ष बलबीर सिंह, बिसाऊ तहसील अध्यक्ष सुरेश चौधरी और मंत्री महावीर चाहर, सुरजगढ तहसील अध्यक्ष बानबीर जी, मलसीसर तहसील संयोजक सतपाल चाहर, तहसील अध्यक्ष मोहर सिंह तथा अन्य प्रमुख किसान नेता जैसे महावीर सिंह, सुमेर सिंह, प्यारेलाल, कमल सिंह, रविन्द्र पुनिया, बजरंग, सुमेर जी गरसा, निरंजन, सुमित, संजय और रमेश सहित कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल थे।