झुंझुनू: झुंझुनूं में एक अविश्वसनीय घटना हुई है। एक व्यक्ति को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था और उसे श्मशान घाट ले जाया गया था। लेकिन चिता पर रखे जाने के बाद वह जिंदा हो गया।
क्या हुआ था?
बगड़ स्थित आश्रय गृह में रहने वाले रोहिताश (47) की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें बीडीके अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया और शव को मोर्चरी में रख दिया गया। कुछ घंटों बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले जाया गया। लेकिन चिता पर रखे जाने के बाद रोहिताश के शरीर में हलचल हुई और वह जिंदा हो गया। तुरंत रोहिताश्व को बीडीके अस्पताल ले जाया गया जहां उसका इलाज चल रहा है।
प्रशासन जांच में जुटा
इस घटना के बाद हड़कंप मच गया। प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। कलेक्टर रामअवतार मीणा ने पीएमओ से रिपोर्ट मांगी है और डॉक्टरों की एक बैठक भी बुलाई गई है।
सवाल उठ रहे हैं
इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या डॉक्टरों ने रोहिताश को गलती से मृत घोषित कर दिया? क्या मोर्चरी में रखे जाने के दौरान कोई चूक हुई? इन सवालों के जवाब जानने के लिए जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
महत्वपूर्ण सवाल
यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही की ओर इशारा करती है। क्या हमारे अस्पतालों में मरीजों की देखभाल के लिए पर्याप्त सुविधाएं हैं? क्या डॉक्टरों को मरीजों की जांच करने के लिए पर्याप्त समय मिलता है? इन सवालों पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।