झुंझुनूं, 22 जून: जिले की जीवन रेखा मानी जाने वाली काटली नदी को अतिक्रमण व अवैध खनन गतिविधियों से मुक्त कराने की दिशा में अब प्रशासन सख्त कदम उठाएगा। इस संबंध में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) केंद्रीय जोन, भोपाल द्वारा पारित आदेशों की अनुपालना में जिला कलक्टर रामावतार मीणा ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
28 जून से 4 जुलाई तक विशेष अभियान
जिला कलक्टर की ओर से जारी आदेश के अनुसार, 28 जून से 4 जुलाई 2025 तक जिले के छह उपखंड क्षेत्रों – खेतड़ी, उदयपुरवाटी, गुढ़ागौड़जी, झुंझुनूं, चिड़ावा व पिलानी में विशेष अभियान चलाकर काटली नदी क्षेत्र का सीमांकन, अतिक्रमण हटाना एवं पुनर्जीवन से संबंधित कार्य किए जाएंगे।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी लिया जाएगा सहयोग
आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि सीमांकन के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पूर्ण पारदर्शिता के साथ की जाए और इस कार्य में स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए। नदी क्षेत्र को पुनर्जीवित कर उसकी पारिस्थितिकी संरचना को बचाने की दिशा में यह अभियान अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पुलिस व अन्य विभागों से सहयोग
जिला कलक्टर ने निर्देश दिए हैं कि इस अभियान में आवश्यकता अनुसार पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की जाए ताकि कार्रवाई शांतिपूर्ण व प्रभावी ढंग से संपन्न हो सके। इसके अलावा, आवश्यकतानुसार राजस्व, जल संसाधन, खनन, वन, पंचायत राज और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को भी सम्मिलित करने को कहा गया है।
05 जुलाई तक मांगी गई रिपोर्ट
आदेश में यह भी कहा गया है कि चलाए गए अभियान की रिपोर्ट 5 जुलाई 2025 तक जिला कार्यालय को प्रस्तुत की जाए ताकि उसे राष्ट्रीय हरित अधिकरण को भेजा जा सके। साथ ही एनजीटी के निर्देशानुसार आगे की कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके।
यह निर्णय वर्षों से काटली नदी क्षेत्र में अवैध गतिविधियों व जल बहाव में आई बाधाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि नदी का प्राकृतिक स्वरूप पुनः स्थापित किया जा सके और क्षेत्र की पारिस्थितिकीय सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।