झुंझुनूं, 22 अप्रैल 2025: जिले के एक निजी स्कूल पर छात्र को प्रताड़ित करने और ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) देने से इनकार करने का मामला सामने आया है। मामले को लेकर छात्र की मां ने पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है। महिला की शिकायत पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला भी दर्ज कर लिया गया है।
आगरा निवासी मनीषा राजपूत ने बताया कि उनका बेटा करण पिछले छह वर्षों से झुंझुनूं एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, समसपुर रोड में पढ़ रहा है और वर्तमान में 12वीं कक्षा का छात्र है। मनीषा के अनुसार, करण स्कूल के हॉस्टल में रह रहा था जहां बच्चों को नशे की लत लगाई जा रही है। उन्होंने बताया कि हॉस्टल में भांग और शराब का सेवन आम बात हो चुकी है। करण ने जब इस गतिविधि का विरोध किया और शिकायत की, तो उसे परेशान किया जाने लगा।

मनीषा का कहना है कि बेटे ने यह बात कई बार स्कूल में शिक्षक महेश से साझा की, लेकिन शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उल्टा उसे डरा-धमका कर चुप करा दिया गया। लगातार मानसिक उत्पीड़न के चलते करण डिप्रेशन में चला गया और उसकी पढ़ाई भी प्रभावित हुई।
मनीषा ने बताया कि जब वे बेटे को वापस लेने स्कूल पहुंचीं, तो शिक्षक महेश ने न केवल उनके साथ दुर्व्यवहार किया, बल्कि करण को घर ले जाने से भी रोक दिया गया। इसके अलावा छात्र को हॉस्टल से अपनी किताबें लाने की अनुमति नहीं दी गई और स्कूल ने टीसी देने से भी इनकार कर दिया।
मनीषा ने यह स्पष्ट कहा कि यदि उनके बेटे को कुछ भी होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की होगी। उन्होंने जिला प्रशासन से स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
कोतवाली थाना प्रभारी हरजिंदर सिंह ने बताया कि पुलिस अधीक्षक को प्राप्त परिवाद के आधार पर झुंझुनूं एकेडमी स्कूल के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम (जेजे एक्ट) के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच सहायक उपनिरीक्षक सुनीता मीणा को सौंपी गई है।
प्रभावित छात्र की मां मनीषा राजपूत ने दी ये जानकारी
“मेरा बेटा मानसिक रूप से टूट चुका है। हॉस्टल में नशा और डराने-धमकाने का माहौल है। स्कूल उसे जबरन रोक रहा है। मैंने प्रशासन से न्याय की मांग की है।”
कोतवाली थाना प्रभारी हरजिंदर सिंह ने बताया
“पीड़िता की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक से प्राप्त निर्देशों के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच सहायक उपनिरीक्षक सुनीता मीणा कर रही हैं। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।”

यह मामला अब प्रशासन की निगरानी में है और जांच के निष्कर्षों का इंतजार किया जा रहा है। मामले ने जिले में निजी स्कूलों की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।