जम्मू-कश्मीर: भारतीय सेना ने एक बार फिर पाकिस्तान समर्थित आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर देश की सुरक्षा सुनिश्चित की है। जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर आतंकी घुसपैठ को विफल करते हुए एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) शहीद हो गए।

अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर झड़प
घटना 11 अप्रैल की रात को अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर हुई जब कुछ आतंकी भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास कर रहे थे। भारतीय सेना ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। इस दौरान आतंकियों से आमने-सामने की मुठभेड़ में एक JCO वीरगति को प्राप्त हुए। सेना के अनुसार, शहीद JCO ने अंतिम दम तक आतंकियों का सामना किया और उन्हें सीमा पार वापस खदेड़ने में सफलता प्राप्त की।
भारतीय सेना ने इस घटना के बाद बॉर्डर क्षेत्र में कई जगहों पर तलाशी व सघन अभियान शुरू कर दिया है।
किश्तवाड़ में जैश कमांडर सैफुल्लाह समेत तीन आतंकी ढेर
घटना से एक दिन पहले, 10 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर सैफुल्लाह समेत तीन आतंकियों को मार गिराया गया।
White Knight Corps of the Indian Army tweets, "General Officer Commanding (GOC) White Knight Corps and all ranks salute the supreme sacrifice of Braveheart Sub Kuldeep Chand of 9 PUNJAB. He laid down his life while gallantly leading a Counter-Infiltration operation along the Line… pic.twitter.com/hyMSCvShhE
— ANI (@ANI) April 12, 2025
यह मुठभेड़ किश्तवाड़ के एक सुदूर क्षेत्र में हुई थी, जहां सुरक्षाबलों को आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में यह बड़ी कामयाबी मिली। मारे गए आतंकियों से हथियार, गोला-बारूद और दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
भारत-पाकिस्तान के बीच ब्रिगेड कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग
घटना की पृष्ठभूमि में, 10 अप्रैल को भारत और पाकिस्तान के बीच ब्रिगेड कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग पुंछ जिले में चकन-दा-बाग क्रॉस-पॉइंट पर आयोजित की गई थी।

इस बैठक में दोनों पक्षों ने नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने के उपायों पर चर्चा की। यह अप्रैल महीने में दूसरी ऐसी फ्लैग मीटिंग थी। इससे पहले 2 अप्रैल को भी 75 मिनट लंबी बैठक हुई थी, जिसमें सीमा पर आपसी समझ और शांति बनाए रखने की बात कही गई थी।
संघर्ष विराम उल्लंघन की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि 13 फरवरी को पाकिस्तानी सेना ने पुंछ सेक्टर में बिना किसी उकसावे के भारतीय चौकियों पर गोलीबारी की थी। भारतीय सेना ने इस संघर्ष विराम उल्लंघन का करारा जवाब दिया था। ऐसे में बार-बार घुसपैठ की कोशिश और गोलीबारी से स्पष्ट है कि सीमा पर शांति बनाए रखने के प्रयासों को पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठनों द्वारा बार-बार चुनौती दी जा रही है।