चिड़ावा: रबी की फसल की तैयारी और किसानों को आधुनिक खेती के नवीनतम तरीकों की जानकारी देने के उद्देश्य से सोमवार को चिड़ावा पंचायत समिति सभागार में एक किसान गोष्ठी का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में क्षेत्र के करीब 100 किसानों ने भाग लिया और विशेषज्ञों से खेती-बाड़ी, सरकारी योजनाओं और पशुपालन के आधुनिक उपायों पर विस्तार से चर्चा की।
🌱 किसानों को दी गई आधुनिक खेती की तकनीक की जानकारी
आत्मा परियोजना निदेशक शीशराम जाखड़ ने किसानों को उन्नत कृषि तकनीक, फसल विविधीकरण और नवाचार अपनाने के महत्व पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पारंपरिक तरीकों से हटकर नई तकनीक अपनाने से किसानों की आमदनी में कई गुना वृद्धि संभव है।
कृषि अधिकारी प्रमोद ने आत्मा परियोजना से जुड़ी योजनाओं के बारे में बताते हुए किसानों से इनका अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया। वहीं अनुपम (कृषि अनुसंधान अधिकारी) ने रबी फसलों में लगने वाले प्रमुख रोगों और उनके नियंत्रण के उपायों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि “बीज उपचार खेती की सफलता की पहली शर्त है, इसे अनदेखा न करें।”
🌾 जैविक खेती और उन्नत बीजों की दी जानकारी
डालमिया सेवा संस्थान के ग्रामीण विकास समन्वयक संजय शर्मा (श्योपुरा) ने किसानों को जैविक खेती और समय पर बुवाई के लाभों के बारे में समझाया।
सहायक कृषि अधिकारी संजय डूडी और मनोज तिलोतिया ने किसानों को उन्नत बीज किस्मों की जानकारी दी, ताकि वे उच्च उत्पादन और बेहतर गुणवत्ता प्राप्त कर सकें।
छतर सिंह भालोठिया ने उद्यान विभाग की योजनाओं की जानकारी देते हुए किसानों को बागवानी को भी आय का स्थायी स्रोत बनाने का सुझाव दिया।
🐄 पशुधन के स्वास्थ्य और बीमा पर विशेष सत्र
पशुपालन विभाग के डॉ. विश्वदीप ने किसानों को पशुओं के मंगल बीमा, रोग नियंत्रण और टीकाकरण के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पशुधन के स्वस्थ रहने से किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
गोष्ठी में कृषि पर्यवेक्षक शंकर लाल, अनिता चौहान, कंचन, ममता, रक्षा सहित कई अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
📈 किसानों ने जताई संतुष्टि, अपनाने की बात कही
किसानों ने कहा कि ऐसी गोष्ठियाँ न सिर्फ ज्ञानवर्धक हैं, बल्कि खेती को लाभकारी व्यवसाय में बदलने की दिशा में एक मजबूत कदम हैं।






