चिड़ावा: शेखावाटी के किसानों का नहर के पानी के लिए संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को लालचौक स्टैंड पर 280वें दिन भी किसानों ने धरना दिया। इस धरने की अध्यक्षता तहसील उप सचिव ताराचंद तानाण ने की। धरने में शेखावाटी के तीन प्रमुख जिलों – झुंझुनूं, सीकर और चूरू – को यमुना नहर का पानी मुहैया कराने की मांग फिर से प्रमुखता से उठाई गई।
सरकार पर निशाना
धरने को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि सरकार केवल तब जागती है जब हालात हाथ से निकलने लगते हैं। पानी की इस समस्या ने अब गंभीर रूप ले लिया है, जिससे किसानों में गहरी नाराजगी और असंतोष पनप रहा है।
किसान सभा के नेताओं ने सिंघाना, बुहाना, सूरजगढ़, चिड़ावा और पिलानी जैसे इलाकों में पानी की कमी को लेकर गंभीर चिंता जताई। इन इलाकों के खेत बंजर हो रहे हैं, और कृषि आधारित रोजगार खत्म होने से क्षेत्र में अराजकता और अस्थिरता बढ़ रही है। यह न सिर्फ किसानों की आजीविका को प्रभावित कर रहा है, बल्कि पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
वक्ताओं की बातें
धरने को नौजवान सभा के प्रमुख सदस्य जयंत चौधरी, सौरभ सैनी, नहर आंदोलन के प्रवक्ता विजेन्द्र शास्त्री, जयसिंह, मनोज, महेंद्रसिंह, रोशन और राजेश सहित कई अन्य प्रमुख नेताओं ने संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि अगर समय रहते सरकार ने इस समस्या का समाधान नहीं किया, तो आंदोलन और तीव्र हो जाएगा।