Tuesday, July 22, 2025
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चिड़ावा उपजिला अस्पताल में प्रसव को लेकर विवाद, चिकित्सक पर लगाए निजी अस्पताल भेजने के आरोप, परिजनों का दावा – सामान्य डिलीवरी के नाम पर मांगे पैसे, उपखंड अधिकारी को सौंपी शिकायत

चिड़ावा, 27 मई 2025: उपजिला अस्पताल चिड़ावा में एक महिला की डिलीवरी को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। वार्ड 40 निवासी अशोक महारानियां ने आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी की सामान्य डिलीवरी के लिए अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ ने निजी अस्पताल भेजने का दबाव बनाया और पैसों की मांग की। इस बारे में अशोक ने उपखंड अधिकारी कार्यालय को एक लिखित शिकायत भी सौंपी है।

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निजी अस्पताल भेजने और पैसों की मांग का आरोप

शिकायत के अनुसार, अशोक महारानियां की 23 वर्षीय पत्नी सपना की गर्भावस्था के दौरान नियमित जांच चिड़ावा उपजिला अस्पताल में चल रही थी और उसकी देखरेख डॉ. सतीश भगासरा कर रहे थे। अशोक ने बताया कि डॉक्टर ने प्रसव की तारीख 23 मई तय की थी, लेकिन निर्धारित दिन जब वे अस्पताल पहुंचे तो डॉ. भगासरा ने बताया कि अस्पताल में प्रसव की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

शिकायत में यह भी कहा गया है कि डॉक्टर ने उन्हें चेतावनी दी कि अगर वे सरकारी अस्पताल में प्रसव कराते हैं तो किसी भी जटिलता की जिम्मेदारी नहीं ली जाएगी। साथ ही उन्होंने प्रस्ताव दिया कि यदि वे निजी अस्पताल चलें तो लगभग 15 हजार रुपये में सामान्य प्रसव करा दिया जाएगा। परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि डॉक्टर ने अप्रत्यक्ष रूप से डर दिखाकर निजी अस्पताल जाने का दबाव बनाया।

सरकारी अस्पताल में ही हुआ सफल प्रसव

परिवार ने डॉक्टर की बात नहीं मानी और सरकारी अस्पताल में ही प्रसव कराने का निर्णय लिया। 23 मई की शाम करीब 5:05 बजे सपना की सफलतापूर्वक सामान्य डिलीवरी करवाई गई। डिलीवरी अस्पताल स्टाफ द्वारा की गई और जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। दोनों को 25 मई को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

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डॉक्टर के खिलाफ जांच की मांग

अशोक महारानियां ने अपनी शिकायत में मांग की है कि डॉ. सतीश भगासरा के खिलाफ जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि डॉक्टर अन्य मरीजों के साथ भी इसी प्रकार का व्यवहार कर निजी अस्पतालों में डिलीवरी कराने के लिए मजबूर करते हैं। परिवार का कहना है कि यह व्यवहार न केवल अनैतिक है बल्कि सरकारी चिकित्सा व्यवस्था में विश्वास को भी चोट पहुंचाता है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार

फिलहाल उपखंड प्रशासन की ओर से शिकायत पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की संभावना जताई जा रही है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है।

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