खेतड़ी: क्षेत्र में कानून व्यवस्था के लगातार बिगड़ते हालात को लेकर सोमवार को सर्व समाज के ग्रामीणों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। मनोज घुमरिया के नेतृत्व में ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए पुलिस पर अपराधियों का साथ देने और निष्क्रियता का गंभीर आरोप लगाया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर एक सप्ताह में कार्रवाई नहीं हुई तो क्षेत्र में व्यापक जनआंदोलन छेड़ा जाएगा।
कानून व्यवस्था पर ग्रामीणों का गुस्सा — “पुलिस कर रही अपराधियों की मदद”
खेतड़ी क्षेत्र में अपराध की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस प्रशासन आरोपियों को गिरफ्तार करने में लापरवाही बरत रही है। रंवा गांव में 9 अक्टूबर को बाइक सवार बदमाशों ने राजेश कुमार पर जानलेवा हमला कर दिया था, जिसमें उनके दोनों पैर टूट गए। नामजद रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद, एक माह बाद तक भी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई।
मनोज कुमार घुमरिया ने कहा कि पीड़ित परिवार ने पुलिस को आरोपियों की लोकेशन भी दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि खेतड़ी थाना प्रशासन की निष्क्रियता से आमजन में गहरा आक्रोश है।
महिलाओं के अपहरण और लापता मामलों में भी लापरवाही
ग्रामीणों ने झुझारपुर में हुई एक गंभीर घटना का भी उल्लेख किया, जहां कुछ दिन पहले गाड़ियों में आए बदमाशों ने एक महिला का जबरन अपहरण कर लिया था। पीड़िता लगातार खेतड़ी थाने के चक्कर लगा रही है, लेकिन अब तक किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
इसी तरह, खरखड़ा गांव में एक माह पहले लापता हुई युवती की अब तक कोई बरामदगी नहीं हो पाई है। परिवार ने कई बार पुलिस अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिला।
अपराधियों की गिरफ्तारी और थानाधिकारी के निलंबन की मांग
प्रदर्शनकारियों ने उपखंड कार्यालय के सामने नारेबाजी करते हुए मांग की कि रंवा हमले के आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और खेतड़ी थानाधिकारी को निलंबित किया जाए। ग्रामीणों ने सात दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो सर्व समाज एकजुट होकर बड़ा जनआंदोलन शुरू करेगा।
प्रदर्शन में भूपेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार, मनीष घुमरिया, महेंद्र पाल, मोहनलाल, लखमीचंद, पप्पु सिंह, जगदीश प्रसाद, महीपाल, छोटु रहा, हेमराज गुर्जर, बहादुर सिंह, माडूराम, कविता, माया देवी, सुमन, सरोज, मंजू, ममता, उर्मिला, बबीता सहित अनेक ग्रामीण उपस्थित रहे।





