नई दिल्ली, 11 अगस्त 2024: पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के विरोध में आज पूरे देश भर में रेसिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल का आह्वान किया है। दिल्ली के एम्स सहित कई सरकारी अस्पतालों के रेसिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर बैठ गए हैं, जिससे ओपीडी, ऑपरेटिंग थिएटर (ओटी) और वार्ड्स की सेवाएं ठप हो गई हैं। इसके परिणामस्वरूप, मरीजों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों में प्रभाव
दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों जैसे लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, कलावती अस्पताल, सुचेता कृपलानी, सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर लोहिया (RML), लोक नायक अस्पताल, जीबी पंत और दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में ओपीडी सेवाएं, इलेक्टिव सर्जरी और लैब की सेवाएं बंद हैं। इस स्थिति ने मरीजों की समस्याओं को बढ़ा दिया है, जिन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है।
FORDA की प्रतिक्रिया
देशव्यापी हड़ताल का नेतृत्व कर रहे रेसिडेंट डॉक्टरों के संगठन फेडरेशन ऑफ आल इंडिया रेसिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) के अध्यक्ष डॉ. रोहन कृष्णन ने TV9 को बताया कि दिल्ली के सभी अस्पतालों में रेसिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी। FAIMA डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इस मामले की सीबीआई से जांच की मांग की है।
प्रिंसिपल का इस्तीफा
इस विरोध प्रदर्शन के बीच, आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉक्टर संदीप घोष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी बदनामी को लेकर और मृतक डॉक्टर की तुलना अपनी बेटी से करते हुए इस्तीफा देने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि वे भविष्य में किसी और के साथ ऐसी घटना नहीं देखना चाहते।
देशभर में विरोध प्रदर्शन
इस विरोध प्रदर्शन का सीधा असर ओपीडी में आने वाले मरीजों पर पड़ रहा है। आज से इमरजेंसी को छोड़कर किसी भी डिपार्टमेंट में कोई भी रेसिडेंट डॉक्टर्स काम नहीं करेंगे। आरएमएल में 1500 रेसिडेंट डॉक्टर्स धरने पर बैठे हुए हैं। रेसिडेंट डॉक्टर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट वर्तमान में हेल्थ सेक्रेटरी के साथ मीटिंग कर रहे हैं।
विडियो देखें: दिल्ली के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के दृश्य…
सरकार से मांगे
पश्चिम बंगाल के मुद्दे और डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर रेसिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की एक टीम हेल्थ सेक्रेटरी के साथ बातचीत के लिए निर्माण भवन बुलाए गए हैं। इस टीम में दिल्ली के सभी आरडीए के रिप्रेजेंटेटिव शामिल हैं। डॉक्टरों की प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:
- आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के रेसिडेंट डॉक्टरों की मांगों को स्वीकार किया जाए और उन पर तेजी से कार्रवाई की जाए।
- घटना का विरोध कर रहे डॉक्टरों पर पुलिस बर्बरता या दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए। शांतिपूर्वक विरोध करने के उनके अधिकार का सम्मान किया जाए।
- मृतक डॉक्टर के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए और इस मामले में जल्द से जल्द न्याय हो।
- केंद्र सरकार को सभी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा कर्मियों की सुरक्षा के लिए एक अनिवार्य प्रोटोकॉल जारी करना चाहिए और उसे लागू करना चाहिए।
- सेंट्रल हेल्थकेयर प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने में तेजी लाने के लिए मेडिकल एसोसिएशन और कम्युनिटी वाली एक्सपर्ट कमेटी का तत्काल गठन किया जाए।