अजमेर, राजस्थान: अजमेर के किशनगढ़ में वकील बालकिशन सुनारिया की गिरफ्तारी के विरोध में मंगलवार को जिलेभर के अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्यों का बहिष्कार कर प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। पूरे घटनाक्रम ने राजस्थान की कानून व्यवस्था और राजनीतिक हालात पर नई बहस को जन्म दिया है। अधिवक्ताओं का आरोप है कि पुलिस द्वारा उनके साथी के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया, जिससे पूरे वकील समुदाय में गहरा आक्रोश है।

जनरल हाउस बैठक से शुरू हुआ विरोध, कोर्ट परिसर से निकली रैली
मंगलवार सुबह अजमेर जिला बार एसोसिएशन की जनरल हाउस बैठक में वकीलों ने विरोध प्रदर्शन की रणनीति तैयार की। बैठक के बाद अधिवक्ताओं ने कोर्ट परिसर से बाहर निकलते हुए एकजुट होकर विरोध रैली निकाली और नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट तक पहुंचे।
कलेक्ट्रेट के बाहर भिड़ंत, पुलिस ने की पानी की बौछार
कलेक्ट्रेट पहुंचने पर वकीलों ने वहां लगे बैरिकेड्स को हटाकर अंदर जाने की कोशिश की। स्थिति नियंत्रण से बाहर होती देख पुलिस ने वॉटर कैनन और फायर ब्रिगेड की गाड़ियों से पानी की तेज बौछार कर अधिवक्ताओं को पीछे हटाने का प्रयास किया। पुलिस की इस कार्रवाई से वकीलों में और अधिक आक्रोश फैल गया और वे बिना किसी ज्ञापन के ही लौट गए।
कोर्ट परिसर से हटाई गई पुलिस, वकीलों ने जताया विरोध
प्रदर्शन के बाद वकीलों और पुलिस के बीच तनाव और गहरा गया। अधिवक्ताओं ने कोर्ट परिसर में भारी पुलिस मौजूदगी का विरोध करते हुए जनरल हाउस बैठक से पहले सभी पुलिसकर्मियों को परिसर से बाहर निकाल दिया। वकीलों ने साफ कहा कि अब से पुलिसकर्मियों को कोर्ट परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।

अधिवक्ताओं की तीन प्रमुख मांगें, कार्रवाई की चेतावनी
अजमेर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रावत के अनुसार, अधिवक्ताओं की तीन प्रमुख मांगें हैं। पहली, किशनगढ़ थाने के थानाधिकारी भीकाराम काला को तत्काल बर्खास्त किया जाए। दूसरी, वकील बालकिशन सुनारिया की गिरफ्तारी प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच हो। तीसरी, अधिवक्ताओं की अन्य शिकायतों पर प्रशासन तुरंत कार्रवाई करे।