नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत को किसान संघर्ष समिति ने उनके किसान आंदोलन पर दिए गए विवादास्पद बयान को लेकर मानहानि का नोटिस भेजा है। समिति ने कंगना से एक सप्ताह के भीतर सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की है, अन्यथा उनके खिलाफ आपराधिक और सिविल मामला दायर करने की चेतावनी दी है। इस नोटिस में कंगना से 2 करोड़ रुपये की आर्थिक क्षति की मांग भी की गई है।
नोटिस का विवरण
किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष और पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने अपने वकील गुरुदत्त शर्मा के माध्यम से मंगलवार को यह नोटिस कंगना रनौत को भेजा। यह नोटिस रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से कंगना के मनाली स्थित पते पर भेजा गया है। इसमें कंगना के बयान को “बेहद आहत करने वाला” बताया गया है और उनसे माफी मांगने का निर्देश दिया गया है।
कंगना रनौत का विवादित बयान
कंगना रनौत ने हाल ही में दैनिक भास्कर को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा था, “अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। वे देश में कुछ भी कर सकते थे।”
इस बयान को लेकर कंगना पर काफी विवाद हुआ है, और इसे किसान समुदाय के प्रति अपमानजनक और भड़काऊ माना गया है।
किसान संघर्ष समिति की प्रतिक्रिया
किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ. सुनीलम ने कंगना के बयान को “किसानों की छवि धूमिल करने वाला” करार दिया है। उन्होंने कहा कि कंगना के इस बयान से किसानों की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचा है और इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। समिति ने कंगना के बयान को “हेट स्पीच” की श्रेणी में रखा है और कहा है कि यह बयान न केवल किसानों को अपमानित करता है बल्कि उनके आंदोलन की सच्चाई और उसमें शामिल किसानों की शहादत का भी अपमान करता है।
आगे की कार्रवाई
अगर कंगना रनौत इस नोटिस के बाद भी अपने बयान पर माफी नहीं मांगतीं, तो किसान संघर्ष समिति उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करेगी। समिति का कहना है कि कंगना के इस बयान ने किसानों के प्रति समाज में गलत धारणा बनाने की कोशिश की है, और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
नोटिस में प्रमुख बिंदु
- कंगना का बयान: “आपका यह बयान देश के किसानों और अन्नदाताओं को अपमानित करने वाला और आपत्तिजनक है।”
- किसान आंदोलन की सच्चाई: नोटिस में बताया गया है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने 380 दिनों तक पूरी तरह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक आंदोलन किया। इस दौरान 750 किसान शहीद हुए थे।
- माफी की मांग: नोटिस में कंगना से एक सप्ताह के भीतर सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की गई है।
- आर्थिक क्षति: कंगना से 2 करोड़ रुपए की आर्थिक क्षति की भी मांग की गई है।
राजनीतिक और सामाजिक बहस
यह घटनाक्रम किसान आंदोलन को लेकर चल रही राजनीतिक और सामाजिक बहस को और अधिक गहरा करता है। किसान आंदोलन को लेकर पहले भी विभिन्न पक्षों के बीच तीव्र मतभेद दिखाई दे रहे थे, और कंगना का यह बयान उस विवाद को और अधिक भड़काने का काम कर सकता है।
किसान संघर्ष समिति का कहना है कि वे कंगना के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं अगर वह अपने बयान पर माफी नहीं मांगतीं। इस मुद्दे पर आगे की घटनाओं पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।