नवलगढ़, 11 सितम्बर 2024: शेखावाटी क्षेत्र में स्थित राजस्थान का एक प्रमुख ऐतिहासिक शहर है, जो अपनी सुंदर और भव्य हवेलियों के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। ये हवेलियाँ केवल स्थापत्य कला की अद्वितीय मिसाल ही नहीं हैं, बल्कि नवलगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक भी हैं। हालाँकि, पिछले कुछ वर्षों में इन ऐतिहासिक धरोहरों को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाया जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों और कला प्रेमियों के बीच गहरी चिंता उत्पन्न हो रही है।
नवलगढ़ का ऐतिहासिक महत्व
नवलगढ़ की स्थापना 18वीं शताब्दी में 1737 ईस्वी में ठाकुर नवल सिंह शेखावत द्वारा की गई थी, जो शेखावाटी के सबसे समृद्ध और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक था। नवलगढ़ के किले, मंदिर और हवेलियाँ उस समय की शानदार स्थापत्य कला का उदाहरण हैं। इन हवेलियों पर उकेरी गई नक्काशी और भित्ति चित्र शेखावाटी शैली की चित्रकला को दर्शाते हैं, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र हैं। ये हवेलियाँ उस समय के व्यापारी वर्ग द्वारा निर्मित की गई थीं, जो उस समय की समृद्धि और व्यापारिक गतिविधियों को दर्शाती हैं।
ऐतिहासिक धरोहर पर खतरा
हाल ही में 7 सितंबर 2024 शनिवार की रात, नवलगढ़ में स्थित एक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक बेड़िया हवेली को अज्ञात कारणों से तोड़ा गया। यह घटना नवलगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर पर एक गंभीर हमला मानी जा रही है।
इसकी जानकारी मिलने के बाद, नगरपालिका ने रविवार को तत्काल कार्रवाई करते हुए उस स्थान पर एक बोर्ड लगवा दिया, जिसमें बिना अनुमति के हवेली को तोड़े जाने पर रोक लगाने का आदेश था। लेकिन इस घटना ने स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया, जिससे नवलगढ़ की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने की मांग और तेज हो गई है।
प्रतिनिधिमंडल की कार्रवाई
इस वारदात के बाद, नवलगढ़ के जागरूक नागरिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को जिला कलेक्टर से मुलाकात की। इस मुलाकात में नवलगढ़ की ऐतिहासिक हवेलियों को तोड़े जाने से रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की मांग की गई। प्रतिनिधिमंडल ने हवेलियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन से त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की अपील की, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और शेखावाटी की अमूल्य धरोहर को बचाया जा सके।
उपमुख्यमंत्री का समर्थन
हाल ही में, राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने भी शेखावाटी क्षेत्र की ऐतिहासिक हवेलियों के संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई थी। उन्होंने आश्वासन दिया था कि सरकार इन हवेलियों के संरक्षण के लिए हर संभव कदम उठाएगी और नवलगढ़ सहित पूरे शेखावाटी क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने के लिए जरूरी नीति और योजनाएँ लागू की जाएंगी।
विडियो देखें…
नवलगढ़ की हवेलियों का महत्व
नवलगढ़ न केवल शेखावाटी का सबसे समृद्ध शहर है, बल्कि यह पूरे भारत में अपनी हवेलियों की अधिकतम संख्या के लिए भी जाना जाता है। यहां की हवेलियाँ, जो व्यापारियों द्वारा निर्मित की गई थीं, शेखावाटी की समृद्ध सांस्कृतिक और व्यापारिक इतिहास को दर्शाती हैं। इन हवेलियों पर बनी पेंटिंग्स और भित्ति चित्र उस समय की सामाजिक, धार्मिक, और व्यापारिक गतिविधियों का जीवंत चित्रण करती हैं।
हर साल सैकड़ों पर्यटक नवलगढ़ की इन हवेलियों को देखने आते हैं, जो न केवल स्थापत्य कला के प्रेमियों को आकर्षित करती हैं, बल्कि इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति और इतिहास को भी उजागर करती हैं।
संरक्षण की आवश्यकता
नवलगढ़ की हवेलियाँ केवल इमारतें नहीं हैं, बल्कि वे भारतीय कला, संस्कृति और इतिहास का जीवंत प्रमाण हैं। इन्हें संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इनकी भव्यता और गौरवशाली इतिहास को देख सकें। हवेलियों के संरक्षण के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ समाज के हर वर्ग को भी जागरूक होने की आवश्यकता है।
नवलगढ़ की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाना आवश्यक है, ताकि इस प्रकार की घटनाएँ दोबारा न हो और नवलगढ़ की सांस्कृतिक धरोहरें सुरक्षित रह सकें।