नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। NDA ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है, वहीं अब चर्चा इस बात की है कि INDI गठबंधन डीएमके के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद तिरुचि शिवा पर दांव लगा सकता है। दोनों ही उम्मीदवार तमिलनाडु से होने के कारण यह मुकाबला दक्षिण भारत की राजनीति को सीधे प्रभावित करेगा और आने वाले तमिलनाडु विधानसभा चुनाव 2026 का सेमीफाइनल माना जा रहा है।
NDA का दांव: सीपी राधाकृष्णन पर भरोसा
भाजपा नेतृत्व वाले NDA ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर साफ संदेश दिया है कि पार्टी की नजरें तमिलनाडु विधानसभा चुनाव पर टिकी हैं। भाजपा राधाकृष्णन को राज्य में एक बड़े चेहरे के तौर पर पेश करना चाहती है।
INDI गठबंधन का संभावित जवाब: तिरुचि शिवा का नाम आगे
सूत्रों के अनुसार, विपक्षी INDI गठबंधन डीएमके के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद तिरुचि शिवा को उम्मीदवार बना सकता है। लंबे समय से दिल्ली की राजनीति में सक्रिय तिरुचि शिवा DMK के अहम रणनीतिकार माने जाते हैं। संसद में पार्टी की नीति और रणनीति तय करने में उनकी भूमिका केंद्रीय रही है।
दक्षिण भारत से तय होगा अगला उपराष्ट्रपति
यदि NDA के सीपी राधाकृष्णन और INDI गठबंधन के तिरुचि शिवा आमने-सामने आते हैं तो यह लगभग तय है कि अगला उपराष्ट्रपति दक्षिण भारत से ही होगा। यह मुकाबला न केवल राष्ट्रीय राजनीति बल्कि तमिलनाडु के राजनीतिक समीकरणों पर भी गहरा असर डालेगा।
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से जुड़ाव
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि उपराष्ट्रपति चुनाव को तमिलनाडु विधानसभा चुनाव 2026 का ट्रेलर माना जा सकता है। भाजपा ने राधाकृष्णन को आगे कर चुनावी मैदान में खुद को मजबूत करने की रणनीति बनाई है, जबकि विपक्षी INDI गठबंधन तिरुचि शिवा को उतारकर राज्य की जमीनी पकड़ बनाए रखना चाहता है।
तिरुचि शिवा की छवि और काम
तिरुचि शिवा सामाजिक न्याय, राज्यों के हित और संघीय ढांचे की मजबूती पर लंबे समय से काम करते रहे हैं। उनकी छवि एक अनुभवी और संतुलित नेता की रही है। विपक्ष को उम्मीद है कि उनका नाम आगे लाकर वह तमिलनाडु में भाजपा को चुनौती देने का ठोस संदेश देगा।