वॉशिंगटन, अमेरिका: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को ईरान को तीखी चेतावनी देते हुए साफ कर दिया है कि ईरान को अपने परमाणु हथियार के सपने को छोड़ना होगा, अन्यथा उसे सैन्य हमले के लिए तैयार रहना चाहिए। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका और ईरान के बीच चल रही परमाणु वार्ता का पहला चरण पूरा हो चुका है और दूसरा चरण इस शनिवार रोम में आयोजित होने वाला है।
ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, “ईरान जानबूझकर परमाणु समझौते को टाल रहा है। यह हमारे साथ धोखा है। ईरान या तो एक भी कदम परमाणु हथियार की दिशा में न उठाए या फिर हम तेहरान के ठिकानों पर कार्रवाई के लिए तैयार हैं। उन्हें अपने सपनों को भूलना होगा।”

उन्होंने आगे जोड़ा, “मैं चाहता हूं कि ईरान एक समृद्ध और महान राष्ट्र बने, लेकिन कट्टरपंथी शासन के हाथों में परमाणु हथियार नहीं जा सकते। उन्हें अमेरिका के सख्त रुख से बचने के लिए तुरंत कदम उठाने होंगे, क्योंकि वे परमाणु हथियार बनाने के बेहद करीब पहुंच चुके हैं।”
ओमान निभा रहा है मध्यस्थ की भूमिका
परमाणु समझौते की दिशा में जारी कूटनीतिक प्रयासों के बीच ओमान एक बार फिर मध्यस्थ की भूमिका में नजर आ रहा है। इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी ने जानकारी दी कि ओमान के आग्रह पर दोनों पक्षों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और यह वार्ता अब रोम में शनिवार को होगी।
इससे पहले पहला चरण की वार्ता मस्कट में हुई थी, जिसमें अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकाफ और ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची ने भाग लिया था। वार्ता को दोनों पक्षों ने “सकारात्मक और रचनात्मक” बताया है।
संयुक्त राष्ट्र की भूमिका और निरीक्षण योजना
इस बीच संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था IAEA के प्रमुख इस सप्ताह ईरान का दौरा करेंगे। उनका उद्देश्य तेहरान के परमाणु कार्यक्रम की निगरानी को बेहतर बनाना और निरीक्षकों की पहुंच बढ़ाना है।
गौरतलब है कि अमेरिका और ईरान लंबे समय से परमाणु समझौते को लेकर प्रयासरत हैं, लेकिन इस दिशा में पूर्ण समझौता अब तक नहीं हो सका है।
ट्रंप कई बार सार्वजनिक मंचों से ईरान को सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दे चुके हैं, जबकि ईरान का दावा है कि उन्होंने यूरेनियम को हथियार-ग्रेड के स्तर तक संवर्धित कर लिया है और वे परमाणु हथियार बनाने में सक्षम हैं।

अराक्ची जाएंगे रूस, मास्को को देंगे ताजा जानकारी
दूसरे दौर की वार्ता से पहले ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची इस सप्ताह रूस की यात्रा पर जाएंगे। वे वहां मस्कट में हुई वार्ता से जुड़ी जानकारी साझा करेंगे। उल्लेखनीय है कि रूस 2015 के परमाणु समझौते का एक प्रमुख पक्ष है और उसने हमेशा ईरान के नागरिक परमाणु कार्यक्रम का समर्थन किया है।
ब्रिटेन ने ईरानी नेटवर्क ‘फॉक्सट्राट’ पर लगाया प्रतिबंध
इधर ब्रिटेन ने स्वीडन के एक ईरानी आपराधिक समूह फॉक्सट्राट नेटवर्क और इसके सरगना रवा माजिद पर प्रतिबंध लगा दिया है। ब्रिटेन का आरोप है कि ईरानी शासन यूरोप में इजरायल और यहूदी ठिकानों पर हमले के लिए इस नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहा है।