ईरान: दक्षिणी ईरान के महत्वपूर्ण शाहिद राजाई बंदरगाह पर शनिवार को एक भीषण विस्फोट और आगजनी की घटना हुई, जिसमें अब तक 14 लोगों के मारे जाने और लगभग 750 से अधिक लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। यह हादसा कथित तौर पर मिसाइल ईंधन निर्माण में प्रयुक्त होने वाले रासायनिक कंपोनेंट्स की एक खेप से जुड़ा हुआ था।

आग बुझाने के प्रयास और राहत कार्य
विस्फोट के कुछ घंटों बाद तक बंदरगाह क्षेत्र धुएं से घिरा रहा। हेलीकॉप्टरों की मदद से आग पर काबू पाने के लिए पानी की बौछार की जाती रही। ईरानी सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित फुटेज में राहतकर्मी घटनास्थल पर आग पर काबू पाने और लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटे दिखाई दिए।
मिसाइल फ्यूल से जुड़ी रसायन खेप
ईरान के गृह मंत्री एस्कंदर मोमेनी ने सरकारी टेलीविजन को दिए इंटरव्यू में बताया कि हताहतों की संख्या में इजाफा हो सकता है। उन्होंने पुष्टि की कि शाहिद राजाई बंदरगाह पर लाए गए रासायनिक पदार्थों का संबंध मिसाइल ईंधन से था।
निजी सुरक्षा कंपनी एम्ब्रे के अनुसार, मार्च माह में सोडियम परक्लोरेट से भरे जहाज इस क्षेत्र में पहुंचे थे। सोडियम परक्लोरेट का उपयोग ठोस रॉकेट ईंधन में किया जाता है, जो मुख्यतः बैलिस्टिक मिसाइलों के निर्माण में प्रयुक्त होता है। फाइनेंशियल टाइम्स ने पहले इस खेप के चीन से ईरान पहुँचने की रिपोर्ट प्रकाशित की थी।

विस्फोट का संभावित कारण
एम्ब्रे ने अपने बयान में कहा कि रासायनिक पदार्थों का उचित भंडारण नहीं होना इस भीषण आग का संभावित कारण हो सकता है। जहाज-ट्रैकिंग डेटा के अनुसार, खेप लाने वाले जहाज मार्च में इस क्षेत्र में देखे गए थे, हालांकि ईरानी अधिकारियों ने अब तक इस खेप की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
सुरक्षा चिंता और परमाणु वार्ता पर प्रभाव
इस विस्फोट ने ईरान-अमेरिका परमाणु वार्ताओं के माहौल को भी प्रभावित किया है। शनिवार को ओमान में तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर तीसरे दौर की वार्ता आयोजित हुई थी। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि हाल के तोड़फोड़ और हमलों को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं।