इजरायल-ईरान युद्ध: इजरायल और ईरान के बीच छिड़ा युद्ध अब अपने भीषणतम दौर में पहुंच चुका है। 13 जून से शुरू हुई सैन्य भिड़ंत में दोनों ओर जानमाल का भारी नुकसान हो रहा है। इसी क्रम में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को राजधानी तेल अवीव के समीप स्थित बैट याम शहर का दौरा किया, जहां हाल ही में ईरान द्वारा की गई मिसाइल स्ट्राइक में भारी तबाही मची है।
नेतन्याहू ने ध्वस्त इमारतों का मुआयना करते हुए ईरान को कड़े शब्दों में चेतावनी दी। उन्होंने कहा,
“महिलाओं और बच्चों सहित निर्दोष नागरिकों की हत्या करने के लिए ईरान को बहुत भारी कीमत चुकानी होगी। यह सिर्फ लड़ाई नहीं, इजरायल के अस्तित्व का प्रश्न है। हम ईरान के हर हमले का दो गुना जवाब देंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि ईरान का परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम इजरायल के लिए दोहरी तबाही का खतरा बन चुका है।
“यदि उनके पास परमाणु हथियार होते तो तबाही की कल्पना भी नहीं की जा सकती। ऐसे में हम अब और चुप नहीं बैठ सकते,” नेतन्याहू ने कहा।
איראן תשלם מחיר יקר מאוד על רצח נשים, ילדים ואזרחים חפים מפשע – וזה יקרה בקרוב.
— Benjamin Netanyahu – בנימין נתניהו (@netanyahu) June 15, 2025
אני כאן בזירה יחד עם כוחות ההצלה ופיקוד העורף. בשם עם ישראל – אנו שולחים חיבוק למשפחות ושוב קוראים לכל אזרח: הישמעו להנחיות – זה מציל חיים.
אנחנו במערכה קיומית, מול אויב אכזרי שמתכנן השמדה.
חיילינו… pic.twitter.com/1FNyBC5a7t
राष्ट्रपति और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री ने भी किया दौरा
प्रधानमंत्री के साथ राष्ट्रपति इसाक हरजोग और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतमार बेन ग्विर ने भी बैट याम का दौरा किया और घायलों से मुलाकात की। सभी ने एकजुट होकर ईरान के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत दिए।
13 जून से शुरू हुआ युद्ध: ऑपरेशन ‘राइजिंग लॉयन’ बनाम ‘टू प्रॉमिस 3’
इस संघर्ष की शुरुआत 13 जून को इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले से हुई, जिसे “ऑपरेशन राइजिंग लॉयन” नाम दिया गया। इसके जवाब में ईरान ने “ऑपरेशन टू प्रॉमिस 3” चलाकर इजरायल के कई शहरों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें बैट याम प्रमुख है।
इजरायल का दावा है कि उसके हमले में 2,300 किलोमीटर दूर स्थित ईरान के माशाद एयरपोर्ट को निशाना बनाया गया। वहीं, ईरान का दावा है कि उसने इजरायल के तीन लड़ाकू विमानों को मार गिराया और दो पायलटों को बंधक बना लिया है।
הטייסים הנפלאים שלנו נמצאים מעל שמי טהראן הבוערת. אנחנו נחושים להשלים את המשימה של הסרת האיום הכפול.
— Benjamin Netanyahu – בנימין נתניהו (@netanyahu) June 15, 2025
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ईरान का दावा – 224 नागरिकों की मौत, 1,277 घायल
ईरानी स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता हुसैन केरमानपोर के अनुसार,
“अब तक इजरायली हमलों में 224 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,277 लोग घायल हुए हैं। इनमें से 90 फीसदी आम नागरिक हैं।”
हालांकि इजरायल इस दावे को “युद्ध प्रचार” करार देते हुए खारिज कर चुका है।

इतिहास: दोस्ती से दुश्मनी तक
एक समय था जब ईरान और इजरायल के बीच घनिष्ठ संबंध थे।
- 1950 में ईरान ने इजरायल को आधिकारिक मान्यता दी थी।
- 1968 में तेल पाइपलाइन समझौता भी हुआ था।
- 1980 में ईरान-इराक युद्ध के दौरान इजरायल ने ईरान को हथियार तक दिए थे।
लेकिन 1979 की इस्लामिक क्रांति ने सब बदल दिया। अयातुल्लाह अली खामेनेई के नेतृत्व में ईरान एक कट्टरपंथी इस्लामी राष्ट्र बन गया और इजरायल से संबंध पूरी तरह टूट गए।
ईरान ने इजरायल को “छोटा शैतान” और अमेरिका को “बड़ा शैतान” कहकर संबोधित किया। इसके बाद से दोनों देशों के बीच प्रॉक्सी वॉर, साइबर हमले, और सीधी सैन्य कार्रवाई आम बात हो गई।