इजराइल में सबसे बड़ा प्रदर्शन: गाजा क्षेत्र में हाल ही में हुए हमलों और इजरायली नागरिकों को बंधक बनाए जाने के बाद, देशभर में भारी आक्रोश और चिंता का माहौल है। इस चिंता का परिणाम तब सामने आया जब इजराइल के इतिहास का सबसे बड़ा प्रदर्शन देखने को मिला। इस प्रदर्शन में लगभग 5 लाख से अधिक नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता, और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर बंधकों की तत्काल और सुरक्षित रिहाई की मांग की और सरकार की सुरक्षा नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए।
गाजा में इजरायली हमले और फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत
इजरायली सेना की गाजा पट्टी पर की गई बमबारी में 11 फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई। मृतकों में गाजा शहर के एक स्कूल में शरण लिए हुए लोग और डेयर एल-बलाह के पास एक कार में यात्रा कर रहे चार लोग शामिल थे। इन शवों को अल-अक्सा शहीद अस्पताल में लाया गया, जहां उनके परिवारजन और रिश्तेदार शोक मना रहे हैं। इस घटना ने गाजा और इजराइल के बीच के संघर्ष को और भी अधिक जटिल और गंभीर बना दिया है।
Wow. Aerial video of massive protest in Tel Aviv, Israel tonight of nearly 300,000 people, demanding a ceasefire hours after bodies of 6 hostages were retrieved from Gaza tunnel. Largest rally since war: pic.twitter.com/2KtqWUk7ef
— Joyce Karam (@Joyce_Karam) September 1, 2024
As tens of thousands protest in Tel Aviv to demand Netanyahu allow a prisoner exchange/ceasefire, Israeli forces are responding with stun grenades.
— Wyatt Reed (@wyattreed13) September 1, 2024
Israel has been at war with its neighbors since its inception. Now it appears it may go to war with itself.pic.twitter.com/55eEI1T40p
प्रधानमंत्री नेतन्याहू और रक्षा मंत्री गैलेंट के बीच विवाद
इस विशाल प्रदर्शन के दौरान, इजराइल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की नीतियों की कड़ी आलोचना की। गैलेंट ने आरोप लगाया कि सरकार ने सुरक्षा उपायों को सही तरीके से लागू नहीं किया और बंधकों की रिहाई के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए। उन्होंने कहा कि नेतन्याहू सरकार ने सुरक्षा स्थिति की गंभीरता को ठीक से नहीं समझा और इस संकट का समाधान निकालने में विफल रही है। गैलेंट की इस तीखी टिप्पणी ने इजराइल की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है और सरकार के अंदरूनी मतभेदों को उजागर कर दिया है।
प्रदर्शनकारियों की मांगें और सरकार की प्रतिक्रिया
प्रदर्शनकारियों ने बंधकों की रिहाई के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है और सरकार से सुरक्षा के मुद्दों पर जवाबदेही सुनिश्चित करने की बात कही है। उनका कहना है कि सरकार की नीतियों ने नागरिकों को असुरक्षित बना दिया है और इस स्थिति को सुधारने के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रदर्शनकारियों की चिंताओं को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार बंधकों की रिहाई के लिए हर संभव प्रयास करेगी और सुरक्षा उपायों को सख्त करने के लिए स्थिति की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा, सरकार ने बंधकों की स्थिति की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है और अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी प्राप्त करने की दिशा में कदम उठाए हैं।
प्रदर्शन का राजनीतिक प्रभाव और भविष्य की चुनौतियाँ
यह प्रदर्शन इजराइल में गहरे सामाजिक और राजनीतिक असंतोष का प्रतीक बन चुका है। नागरिकों ने सरकार की सुरक्षा नीतियों और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं पर सवाल उठाए हैं। इस प्रदर्शन का प्रभाव आगामी चुनावों और राजनीतिक परिदृश्य पर भी पड़ सकता है। विभिन्न राजनीतिक दलों ने प्रदर्शनकारियों की मांगों का समर्थन किया है और सरकार से ठोस कार्रवाई की मांग की है।
इस तरह, इजराइल में बंधकों की रिहाई के लिए हुआ यह प्रदर्शन देश की राजनीति और सुरक्षा नीतियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल रहा है। अब सरकार को इस संकट का समाधान निकालने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।