Saturday, August 23, 2025
Homeराजस्थानआईएएस आलोक गुप्ता समाचार: आईएएस आलोक गुप्ता, सीएम भजनलाल शर्मा के पीएस,...

आईएएस आलोक गुप्ता समाचार: आईएएस आलोक गुप्ता, सीएम भजनलाल शर्मा के पीएस, भाजपा ने साधा जातीय समीकरण

आईएएस आलोक गुप्ता समाचार: राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के करीब डेढ़ महीने बाद सीएम भजनलाल शर्मा ने अपना प्रमुख शासन सचिव नियुक्त कर दिया है। अभी तक अस्थायी तौर पर टी रविकांत यह जिम्मेदारी निभा रहे थे। लेकिन अब सीनियर आईएएस आलोक गुप्ता को सीएम टू पीएस नियुक्त कर दिया गया है। आलोक गुप्ता ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव थे। देर रात कार्मिक विभाग से एक चिट्ठी जारी की गई है जिसमें बताया गया है कि आईएएस आलोक गुफ्ता  को मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का प्रमुख सचिव बनाया गया है। आलोक गुप्ता 1996 बैच के आईएएस अधिकारी है। वह अलवर जिले के रहने वाले है। वसुंधरा राजे की सरकार में भी प्राइम पोस्टिंग में थे। लेकिन गहलोत सरकार में साइड लाइन में चले गए थे। सरकार बदलते ही एक बार फिर अहम पद मिला है। इससे पहले कुलदीप रांका गहलोत के प्रमुख शासन सचिव थे।

नियुक्ति में दिल्ली का दखल

राजस्थान में सत्ता बदलने के साथ ही ब्यूरोक्रेसी में बदलाव की पुरानी रवायत रही है। ऐसे में सीएम भजनलाल शर्मा ने शपथ लेने के बाद सबसे पहले आईएएस अफसरों का तबादला कर दिया। सभी जिलों के कलेक्टर बदल दिए गए। गहलोत सरकार के वफादार अफसरों को ठंडी पोस्ट दी गई है। जबकि गहलोत राज में साइड लाइन चल रहे आईएएस अफसरों के अच्छे दिन आ गए है। माना जा रहा है कि सीएम भजनलाल शर्मा बीजेपी और आरएसएस के दिशा-निर्देशों की तहत ही अहम पदों पर अफसरों लगा रहे है। इससे पहले सीनियर आईएएस सुधांश पंत को मुख्य सचिव बनाया गया। उनकी नियुक्ति दिल्ली के कहने पर हुई है। क्योंकि पंत लंबे समय तक केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर तैनात थे।

जातीय समीकणर साधने की कवायद

पीएम मोदी के पसंदीदा अफसर माने जाते है। ऐसे में 6 सीनियर आईएएस अफसरों की वरिष्ठता को दरकिनार कर सुधांश पंत को मुख्य सचिव बनाया गया है। आलोक गुप्ता की नियुक्ति में आरएसएस का दखल बताया जा रहा है। इससे पहले शिखर अग्रवाल को एसीएस सीएमओ लगाया गया था। तीनों अफसरों की नियुक्ति से साफ जाहिर है कि बीजेपी ने अपने वोट बैंक का पूरा ध्यान रखा है। सुधांश पंत ब्राह्मण है। जबकि आलोक गुप्ता और शिखर अग्रवाल अगड़ी जातियों से आते है। सियासी जानकारों का कहना है कि राजस्थान में ब्राह्मण, अग्रवाल और गुप्ता बीजेपी का वोट माना जाता है। तीनों की  नियुक्ति कर बीजेपी ने सियासी मैसेज देने की कोशिश की है।

जातीय समीकऱणों के हिसाब से ही नियुक्ति

बता दें पिछली गहलोत सरकार में सीएमओ में एससी और एसटी के अफसरों की तैनाती की गई थी। हालांकि, अशोक गहलोत ने डीबी गुप्ता को मुख्य सचिव बनाए रखा था। जबकि राजीव स्वरूप को गुप्ता के बाद मुख्य सचिव बनाया। राजीव स्वरूप ब्राह्मण थे। इसके बाद 9 आईएएस अफसरों को दरकिनार कर एससी के निरंजन आर्य को मुख्य सचिव बनाया था। गहलोत के प्रमुख सचिव कुलदीप राकां जैन समुदाय थे। सियासी जानकारों का कहना है कि राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी को वोट बैंक के तौर पर देखा जाने लगा है। सत्ता परिवर्तन होने के बाद जातीय समीकऱणों के हिसाब से ही नियुक्ति होने लगी है।

Live Hindustan

- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
Slide
Slide
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!