Friday, November 21, 2025
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असम में नया कानून: दूसरी शादी पर 7 साल की सजा, सरकार देगी पीड़ित महिलाओं को सहायता

गुवाहाटी: असम में अब बहुविवाह करने वालों के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट बैठक में ‘द असम प्रोहिबिशन ऑफ पॉलीगैमी बिल 2025’ को मंजूरी दे दी गई है। इस ऐतिहासिक फैसले के तहत बहुविवाह दोषी पाए जाने पर 7 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। सरकार ने बहुविवाह की शिकार महिलाओं के लिए मुआवजा और आर्थिक सहायता फंड बनाने की भी घोषणा की है।

कैबिनेट ने दी बहुविवाह रोकने वाले बिल को मंजूरी

असम कैबिनेट ने रविवार को हुई बैठक में बहुविवाह पर रोक लगाने वाले बिल को हरी झंडी दे दी। इस प्रस्तावित कानून के तहत अब राज्य में कोई भी व्यक्ति एक से अधिक विवाह नहीं कर सकेगा। दोषी पाए जाने पर अधिकतम सात साल की सजा होगी।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यह कानून उन महिलाओं को न्याय दिलाने के उद्देश्य से लाया गया है, जो बहुविवाह जैसी प्रथाओं की शिकार बनती हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं की गरिमा और सम्मान की रक्षा के लिए यह कदम ऐतिहासिक साबित होगा।

महिलाओं के लिए बनेगा मुआवजा फंड

सरकार ने घोषणा की है कि बहुविवाह से प्रभावित महिलाओं के लिए विशेष मुआवजा फंड बनाया जाएगा। इस फंड से उन्हें आर्थिक सहायता और पुनर्वास के लिए मदद दी जाएगी। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इन महिलाओं को समय-समय पर सरकार द्वारा सहयोग प्रदान किया जाएगा ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

छठे शेड्यूल वाले क्षेत्रों को मिल सकती है छूट

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस कानून के तहत छठे शेड्यूल वाले क्षेत्रों को कुछ छूट दी जा सकती है। इन इलाकों में स्थानीय परंपराओं और जनजातीय कानूनों को ध्यान में रखते हुए अलग प्रावधान रखे जाएंगे।

नवंबर को विधानसभा में पेश होगा बिल

हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि यह बिल 25 नवंबर 2025 को विधानसभा में पेश किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह कानून पास होने के बाद राज्य में सामाजिक सुधार की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगा।

पहले भी दिया था संकेत — लव जिहाद पर भी हो सकती है कार्रवाई

गौरतलब है कि 27 अक्टूबर को हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि राज्य में जल्द ही बहुविवाह और लव जिहाद जैसी कुप्रथाओं को रोकने के लिए कानून लाया जाएगा। रविवार को उन्होंने इस वादे को पूरा करते हुए बिल को कैबिनेट की मंजूरी दिलाई।

सरकार का संदेश — “नारी का अपमान अब नहीं होगा बर्दाश्त”

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कानून महिलाओं के सम्मान और समानता की दिशा में राज्य सरकार की गंभीरता को दर्शाता है। उन्होंने दोहराया कि अब नारी का अपमान करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

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