Saturday, May 31, 2025
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कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पनामा में डेलीगेशन का नेतृत्व करते हुए पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की आलोचना की, ऑपरेशन सिंदूर को बताया भारत की निर्णायक कार्रवाई

नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पनामा की आधिकारिक यात्रा के दौरान भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए आतंकवाद के विरुद्ध भारत की बदली हुई नीति और मजबूत रणनीति पर जोर दिया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की आवश्यकता और प्रभाव को रेखांकित करते हुए स्पष्ट किया कि अब भारत आतंकवादियों को उनके कृत्यों की कीमत चुकाने के लिए मजबूर करेगा।

पनामा में भारतीय समुदाय को संबोधन

पनामा में आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए थरूर ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मार्मिक उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि घटना के बाद कुछ पीड़ित महिलाओं ने आतंकियों से कहा—”हमें भी मार डालो”, लेकिन आतंकियों ने उन्हें वापस लौटकर अपनी आपबीती सुनाने को कहा। थरूर ने भावुक होते हुए कहा:

“हमने उन महिलाओं की चीखें सुनीं और यह तय किया कि अब भारत अपनी बेटियों के माथे का सिंदूर उजाड़ने वालों को बख्शेगा नहीं।”

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उन्होंने बताया कि इस हमले में 26 महिलाओं के पति और पिता की हत्या हुई, जिससे न केवल परिवार टूटे बल्कि उनके सामाजिक जीवन पर भी गहरा असर पड़ा।

‘प्रधानमंत्री ने किया स्पष्ट: ऑपरेशन सिंदूर था जरूरी’

शशि थरूर ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसी कार्रवाई अब अनिवार्य हो चुकी है। यह ऑपरेशन उन आतंकवादियों के खिलाफ था जिन्होंने निर्दोषों की हत्या कर समाज को झकझोर दिया।

भारत की बदली रणनीति: LOC से लेकर बालाकोट तक

थरूर ने बताया कि बीते वर्षों में भारत की रणनीति में एक बड़ा बदलाव आया है। अब आतंकियों को पहले की तरह माफ नहीं किया जा रहा, बल्कि:

  • सितंबर 2015 में उरी हमले के बाद भारत ने पहली बार नियंत्रण रेखा (LOC) पार कर सर्जिकल स्ट्राइक की।
  • फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर बालाकोट में हवाई हमला किया।
  • इन कार्रवाइयों में पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी ठिकानों, ट्रेनिंग कैंपों और कमांड सेंटरों को ध्वस्त किया गया।

“यह वह भारत है, जो अब चुप नहीं बैठता, बल्कि जवाब देता है—निर्णायक और प्रभावी तरीक़े से,” थरूर ने कहा।

मुंबई हमले और पाकिस्तान की जवाबदेही

थरूर ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने न केवल घरेलू जांच की, बल्कि अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों से मिले साक्ष्य भी पाकिस्तान को सौंपे।

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“हमारे पास आवाज रिकॉर्डिंग, डोजियर, सबूत—सबकुछ था, लेकिन क्या हुआ? आज तक एक भी मास्टरमाइंड पर मुकदमा नहीं चला।”

उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों में न्यूयॉर्क, लंदन, मैड्रिड सहित विश्व के विभिन्न हिस्सों में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की भूमिका पाई गई है।

भारत अब शोक नहीं, प्रतिरोध की भाषा बोलेगा

थरूर ने कहा कि भारत अब केवल पीड़ा प्रकट करने वाला देश नहीं रहेगा। उन्होंने कहा:

“यह मंजूर नहीं कि हम बार-बार आंसू बहाएं और फिर दुनिया से कहें—कृपया हमारी मदद करें। अब भारत वह देश है, जो कहता है—अगर तुम हमें मारोगे, तो हम तुम्हें ढूंढ निकालेंगे।”

उन्होंने 1989 से कश्मीर में शुरू हुए आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत चार दशकों से आतंकवाद का शिकार है और अब चुप रहना विकल्प नहीं है।

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