नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी और पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती के हिंदुत्व और हिंदू धर्म को लेकर दिए गए बयान ने देश में राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है। मध्य प्रदेश के रतलाम से एक वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए इल्तिजा ने हिंदुत्व को “बीमारी” करार दिया था। उनके इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समेत कई संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
इल्तिजा का बयान: हिंदुत्व को बताया नफरत फैलाने वाली विचारधारा
इल्तिजा मुफ्ती ने कहा, “हिंदुत्व और हिंदू धर्म में बड़ा फर्क है। हिंदुत्व, जिसे सावरकर लेकर आए थे, नफरत फैलाने वाली विचारधारा है। ‘जय श्री राम’ का नारा अब रामराज्य तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका इस्तेमाल हिंसा और लिंचिंग के लिए किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि हिंदुत्व एक “बीमारी” है, जिसका इलाज जरूरी है।
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया
इल्तिजा ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “यह सब देखकर भगवान राम भी शर्म से सिर झुका लेंगे कि उनके नाम का इस्तेमाल करके मुस्लिम बच्चों को चप्पलों से मारा जा रहा है। हिंदुत्व ने भगवान के नाम को कलंकित कर दिया है।” उनकी इस पोस्ट के बाद भाजपा नेताओं ने कड़ी आलोचना की।
भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “हिंदुत्व देश की संस्कृति है। इल्तिजा को सनातन संस्कृति का अध्ययन करना चाहिए। उन्हें हिंदुत्व-फोबिया हो गया है।” वहीं, जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रवींद्र रैना ने उनके बयान को “अमर्यादित” बताते हुए माफी की मांग की। उन्होंने कहा, “भगवान राम का नाम लेकर इस तरह के बयान देना राजनीति और संस्कृति दोनों के खिलाफ है।”
कांग्रेस ने किया समर्थन
दूसरी ओर, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने इल्तिजा के बयान का समर्थन करते हुए इसे संतुलित बताया। उन्होंने कहा, “इल्तिजा ने हिंदू धर्म की प्रशंसा की है और हर धर्म का सम्मान करने की बात की है। वह उभरती हुई नेता हैं और उनके विचारों को समझने की जरूरत है।”