सूरजगढ़: विधानसभा क्षेत्र में बुधवार कै संविधान दिवस पर ऐतिहासिक दृश्य देखने को मिला, जब हिरवा गांव में आयोजित भीम आर्मी की संविधान संगोष्ठी में सैंकड़ों लोग एकजुट हुए और भारतीय संविधान की प्रस्तावना पढ़कर लोकतंत्र को मजबूत करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में प्रदेशभर से आए राजनीतिक व सामाजिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही, जिससे माहौल देशभक्ति और संवैधानिक चेतना से सराबोर हो गया।
भीम आर्मी जिला अध्यक्ष विकास आल्हा ने बताया कि संगोष्ठी में बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष, युवा और बच्चों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। मंच से संविधान की प्रस्तावना सामूहिक रूप से पढ़ी गई और सभी ने भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने का प्रण लिया। आयोजकों के अनुसार कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में संविधान आधारित समानता, न्याय और बंधुत्व को बढ़ावा देना रहा।
कार्यक्रम का संचालन सूरजगढ़ विधानसभा प्रत्याशी शकुन जिलोवा ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत भंते विनयपाल (बुद्ध विहार, जय पहाड़ी) के सानिध्य में बुद्ध वंदना और बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि के साथ हुई। भंते विनयपाल ने संविधान को लोकतंत्र की आत्मा बताते हुए कहा “जब तक संविधान सुरक्षित है, तब तक राष्ट्र सुरक्षित है।”

आजाद समाज पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अमरचंद हरसोलिया ने कहा कि संविधान विरोधी मानसिकता को बढ़ावा देने वाली ताकतों को किसी भी सूरत में सफल नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने डॉ. अंबेडकर के संघर्ष और योगदान को याद करते हुए कहा कि संविधान ही भारत की एकता मजबूती का आधार है।
भीम आर्मी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान इंदासर ने कहा कि संगठन सदैव सरकारों को संवैधानिक मूल्यों पर टिके रहने की चेतना कराता रहेगा।

मुख्य वक्ता एडवोकेट हरीश पंवार ने नागरिक अधिकारों और कर्तव्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। गायकार शिवप्रसाद मेहरिया और उनकी टीम ने बाबा साहब के जीवन संघर्ष पर प्रेरणादायक गीत प्रस्तुत किए, जिनपर उपस्थित जन उत्साहित दिखे।
ओमप्रकाश सेवदा ने स्वागत भाषण दिया तथा संचालन सुरेश शास्त्री व भगत ने संभाला। दुर्गा प्रसाद बोयल, गुलशन, प्रदीप चंदेल, रविंद्र कुमार गर्वा (इस्लामपुर), ओमप्रकाश सुनिया, प्रीतम बिजौली, अजय कुमार वर्मा (नुआ), अनिल खुड़ीवाल, मुनींद्र गर्वा, जसविंद्र, सुनील राठी, कैलाश महाराज, रोहितास तंवर, बंसीलाल, गजानंद, अमित कुमार, रामूतर, शिवलाल, रणवीर, सत्येंद्र यादव, जयमल सिरोहा, सज्जन, विक्रम भांगड़वा, मातूराम, श्रीचंद, प्रवीण कुमार, राधेश्याम चिरानिया, विनोद कासनी, कपिल गोठवाल, शकील फौजी, महेंद्र सिंह चारावास, कमलेश काला, सुनील सिरसवा, राजेश खुडाना, रामानंद सिरसला, विक्रम इंडाली, मुकेश सुलताना, रोशनी, सुनीता, संतरा देवी, अपेक्षा, दीपिका जय पहाड़ी और कई ग्रामीणों ने संगोष्ठी में पूरी निष्ठा से सहभागिता निभाई।




