नई दिल्ली: आत्मनिर्भर भारत की ताकत अब समंदर में और दोगुनी हो गई है। आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय नौसेना को दो नए बाहुबली जहाज सौंपे – INS उदयगिरि और INS हिमगिरि। ये दोनों नीलगिरि क्लास स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट भारतीय शस्त्रागार में शामिल होकर पाकिस्तान और चीन के मंसूबों को चुनौती देने के लिए तैयार हैं।
INS उदयगिरि और INS हिमगिरि का जलवा
INS उदयगिरि और INS हिमगिरि को ऐसे समय में नौसेना को सौंपा गया है जब हिंद महासागर में चीन की सक्रियता और पाकिस्तान की चालबाजियां बढ़ रही हैं। इन दोनों युद्धपोतों को क्रमशः मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने तैयार किया है। दोनों को सिर्फ 37 महीनों में तैयार किया गया, जो भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता का प्रमाण है।
ब्रह्मोस और बराक-8 से लैस
INS उदयगिरि और INS हिमगिरि को आधुनिक हथियारों से लैस किया गया है। इनमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, भारत-इजराइल बराक-8 लंबी दूरी की मिसाइल सिस्टम, 76mm नौसैनिक तोप, और टारपीडो हथियार शामिल हैं। ये जहाज दुश्मन के हवाई हमले, जमीन से लॉन्च मिसाइल और समुद्री पनडुब्बी हमलों से निपटने में सक्षम हैं।
स्टेल्थ फीचर्स से अदृश्य योद्धा
दोनों युद्धपोतों को इस तरह डिजाइन किया गया है कि ये दुश्मन के रडार, इंफ्रारेड और ध्वनि सेंसर से बचकर वार कर सकें। इनके एडवांस स्टेल्थ फीचर्स इन्हें समुद्री युद्ध में और भी खतरनाक बनाते हैं।
आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम
INS हिमगिरि और INS उदयगिरि पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से बने हैं। राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि आने वाले समय में नौसेना के सभी जहाज भारत में ही निर्मित होंगे। यह मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत का एक और बड़ा उदाहरण है।
दुश्मनों के लिए चेतावनी
भारत ने साफ संकेत दिया है कि हिंद महासागर और अरब सागर की सुरक्षा अब और मजबूत हो गई है। पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के लिए ये जहाज खौफ का कारण बनेंगे। भविष्य में समुद्री मोर्चे पर किसी भी चुनौती का सामना भारतीय नौसेना अब और मजबूती से करेगी।
INS हिमगिरि और INS उदयगिरि का नामकरण
INS हिमगिरि का नाम पुराने INS हिमगिरि से लिया गया है और इसे कोलकाता में बनाया गया। वहीं INS उदयगिरि का नाम आंध्र प्रदेश की उदयगिरि पर्वत श्रृंखला पर रखा गया है और इसे मुंबई में तैयार किया गया।