Saturday, August 23, 2025
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कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र गिरफ्तार, ईडी की कार्रवाई में 12 करोड़ रुपये नकद, 6 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण सहित करोड़ों की बेनामी संपत्ति बरामद

नई दिल्ली: कर्नाटक के चित्रदुर्ग से कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र, जिन्हें लोग ‘पप्पी’ के नाम से भी जानते हैं, को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 23 अगस्त 2025 को सिक्किम की राजधानी गंगटोक से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी (Illegal Betting) और मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ी है।

ईडी ने 22 और 23 अगस्त को देशभर में 30 ठिकानों पर छापेमारी की और भारी मात्रा में नकदी, सोना-चांदी व लग्जरी कारें जब्त कीं। कार्रवाई ने देशभर में राजनीतिक हलचल तेज कर दी है।

ईडी की बड़ी कार्रवाई: कैसिनो और ठिकानों पर छापेमारी

छापेमारी कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, राजस्थान और सिक्किम में की गई। चित्रदुर्ग में छह जगह, बेंगलुरु में दस, जोधपुर में तीन, हुबली में एक, मुंबई में दो और गोवा में आठ ठिकानों पर रेड हुई।

गोवा के प्रमुख कैसिनो—पप्पीज़ कैसिनो गोल्ड, ओशन रिवर्स कैसिनो, पप्पीज़ कैसिनो प्राइड, ओशन 7 कैसिनो और बिग डैडी कैसिनो—पर भी ईडी ने छापे मारे।

जब्त की गई संपत्ति: करोड़ों की नकदी और सोना

ईडी ने छापेमारी के दौरान

12 करोड़ रुपये नकद (जिसमें 1 करोड़ विदेशी मुद्रा),

6 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण,

10 किलो चांदी,

चार लग्जरी वाहन जब्त किए।

इसके अलावा, 17 बैंक खाते और दो बैंक लॉकर फ्रीज कर दिए गए।

कैसे चलता था अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क?

जांच में सामने आया कि केसी वीरेंद्र कई अवैध सट्टेबाजी वेबसाइट्स जैसे King567, Raja567, Puppies003 और Ratna Gaming चला रहे थे।

उनके भाई केसी थिप्पेस्वामी दुबई से तीन कंपनियों—Diamond Softech, TRS Technologies और Prime9 Technologies—के जरिए सट्टेबाजी व कॉल सेंटर नेटवर्क ऑपरेट कर रहे थे।

भाई केसी नागराज और भतीजे प्रुथ्वी एन राज भी इस गैरकानूनी नेटवर्क में शामिल पाए गए।

2016 का विवाद फिर आया सामने

यह पहली बार नहीं है जब केसी वीरेंद्र विवादों में घिरे हों। साल 2016 में आयकर विभाग ने उनके चित्रदुर्ग स्थित चालकेरे आवास से 5.7 करोड़ रुपये की नई करेंसी, 32 किलो सोना और 90 लाख रुपये पुरानी करेंसी बरामद की थी। यह रकम उनके बाथरूम के गुप्त तहखाने से निकली थी।

अब आगे क्या?

ईडी ने वीरेंद्र को गंगटोक के मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां से उन्हें बेंगलुरु ट्रांजिट रिमांड पर भेजा गया। अब एजेंसी उनके नेटवर्क से जुड़े अन्य सहयोगियों और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शनों की जांच कर रही है।

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