सूरजगढ़: उपखंड कार्यालय में कार्यरत कनिष्ठ लिपिक रणसिंह एक बार फिर विवादों में आ गया है। इस बार सूरजगढ़ अभिभाषक संघ के अधिवक्ताओं ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए उस पर भ्रष्टाचार, राजनीतिक दबाव दिखाने और दुर्व्यवहार जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
अधिवक्ताओं का कहना है कि रणसिंह स्थानीय निवासी होने के चलते अपनी राजनीतिक पहुंच का गलत इस्तेमाल कर रहा है। ज्ञापन में आरोप है कि वह पक्षकारों को गलत दिशा में प्रभावित करता है और अधिवक्ताओं के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करता है। संघ का कहना है कि रणसिंह खुले तौर पर गाली-गलौच करता है और देख लेने की धमकियां भी देता है।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि पूर्व में भी इसी तरह के आचरण के चलते उसे सूरजगढ़ से पिलानी स्थानांतरित कर दिया गया था। उस समय भी अभिभाषक संघ के विरोध के बाद उसने माफी मांगते हुए भविष्य में ऐसा व्यवहार न करने का वादा किया था। लेकिन अब पुनः वही स्थिति सामने आ गई है, जिससे अधिवक्ताओं में भारी आक्रोश है।
अधिवक्ताओं ने उपखंड अधिकारी से मांग की है कि रणसिंह के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर कार्रवाई नहीं की गई तो संघ को आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा।
ज्ञापन देने वालों में अध्यक्ष सोमवीर खीचड़, अभिषेक सेवदा, मदन राठौड़, अजय जडेजा, संजय तंवर, राकेश वर्मा, दीपक सैनी, अनिल शर्मा, शिवराज राठौड़, हवासिंह चौहान, पंकज धनखड़, सुरेश दानोदिया, सचिन, अशोक शर्मा और संदीप राव सहित कई अधिवक्ता उपस्थित रहे।