चिड़ावा: नगर में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के उपलक्ष्य में महिलाओं की भागीदारी से आयोजित एकमात्र सार्वजनिक कार्यक्रम रविवार को बूथ संख्या 179 पर संपन्न हुआ। यह श्रद्धांजलि सभा पूरी तरह महिला नेतृत्व में आयोजित की गई, जिसका संचालन बूथ अध्यक्ष टीना शर्मा ने किया। कार्यक्रम में शहर की कई जागरूक महिला कार्यकर्ताओं ने भाग लेकर राष्ट्रसेवा और अखंडता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
सभा की शुरुआत डॉ. मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। इस दौरान वक्ताओं ने उनके राष्ट्रवादी विचारों, वैचारिक दृढ़ता और भारत की एकता व अखंडता के लिए किए गए संघर्ष का स्मरण किया। वक्ताओं ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन बलिदान, समर्पण और सिद्धांतों की रक्षा का प्रतीक रहा है। उनका बलिदान आज भी भारतीय राजनीति और समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत बना हुआ है।
सभा में उपस्थित महिला कार्यकर्ताओं में मुन्नी यादव, विमला देवी, गुनीता अग्रवाल, किरण शर्मा, मोहिनी वर्मा, भावना, सुमन वर्मा, सीता बाछुका, पूजा वर्मा, आयुषी शर्मा, राजकुमारी बछुका, प्रेम वर्मा, सुशील मिश्रा, अनीता शर्मा, आशा, नीरू तिवारी, निधि शर्मा और संतोष पारीक शामिल रहीं। सभी महिलाओं ने डॉ. मुखर्जी के विचारों को आत्मसात करते हुए समाज और राष्ट्र निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने इस बात पर विशेष बल दिया कि डॉ. मुखर्जी का राष्ट्रवाद सिर्फ एक राजनीतिक विचार नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का भाव है। उन्होंने जीवन पर्यंत जिन मूल्यों के लिए संघर्ष किया, वे आज भी देश की एकता और विकास के लिए अत्यंत प्रासंगिक हैं। महिला कार्यकर्ताओं ने उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का और युवाओं को जागरूक करने का भी प्रण लिया।
यह श्रद्धांजलि सभा न केवल डॉ. मुखर्जी के विचारों को सम्मान देने का अवसर रही, बल्कि महिला शक्ति के सामाजिक योगदान को भी रेखांकित करती है। चिड़ावा शहर में महिलाओं की भागीदारी वाला यह एकमात्र सार्वजनिक आयोजन रहा, जिससे यह संदेश गया कि राष्ट्रनिर्माण में महिलाएं भी सशक्त भूमिका निभा रही हैं।