झुंझुनूं, 27 मई 2025: धनुरी थाना क्षेत्र के युवक की मार-पीट के बाद उपचार के दौरान हुई मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। तीन दिन से बीडीके अस्पताल की मोर्चरी में रखा शव परिजन लेने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि जब तक हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, वे न तो शव का पोस्टमॉर्टम कराएंगे और न अंतिम संस्कार करेंगे।
इस मांग को लेकर सोमवार को बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने झुंझुनूं कलेक्ट्रेट का घेराव किया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। स्थिति तब और तनावपूर्ण हो गई जब मौके पर पहुंचे पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा और प्रदर्शनकारियों के बीच भी तीखी नोकझोंक हो गई। प्रदर्शनकारियों ने उनके साथ धक्का-मुक्की कर दी, जिसके बाद मौके पर मौजूद पुलिस बल ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया।

दुबई से लौटने के बाद युवक पर हुआ था हमला
मामला बिरमी गांव के अंतर्गत धनुरी थाना इलाके का है, जहां 16 मई की रात को एक होटल के बाहर दुबई से लौटा युवक सुभाष मेघवाल संदिग्ध हालात में गंभीर रूप से घायल मिला था। जानकारी के अनुसार, सुभाष की त्रिलोका का बास निवासी मुकेश जाट और उसके साथियों से कहासुनी हो गई थी, जिसके बाद उस पर हमला किया गया।
ग्रामीणों ने बताया कि सुभाष 5 मई को दुबई से छुट्टियों में घर आया था और 20 मई को वापसी की तैयारी में था। घटना वाली रात वह रोहिड़ा बस स्टैंड स्थित होटल पर खाना खाने गया था। वहीं पर कहासुनी के बाद जब वह होटल से निकला तो मुकेश जाट और अन्य ने उसका पीछा कर मारपीट की।
नौ दिन तक चला इलाज, नहीं बच सका जीवन
हमले के बाद परिजनों ने सुभाष को पहले झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल पहुंचाया, जहां से 18 मई को जयपुर रेफर कर दिया गया। जयपुर में इलाज के दौरान भी हालत में सुधार नहीं हुआ तो परिजन उसे चौमूं के एक निजी अस्पताल ले गए। वहां इलाज के दौरान 25 मई की रात उसकी मौत हो गई।
पुलिस मुख्यालय में कार्यरत है हत्या का आरोपी
इस मामले में सुभाष की पत्नी मनोज देवी ने 18 मई को धनुरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि मुकेश जाट, उसका साला और अन्य लोगों ने सुभाष पर जानलेवा हमला किया, जिसकी वजह से उसकी मौत हुई। मुकेश जाट करीब आठ साल पहले अनुकंपा नियुक्ति पर झुंझुनूं पुलिस में कनिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्त हुआ था। वर्तमान में वह जयपुर स्थित पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत है।

हत्या के विरोध में धरना दे रहे हैं सर्व समाज के लोग
सुभाष की मौत के बाद से बीडीके अस्पताल के बाहर सर्व समाज के लोग धरने पर बैठे हैं। ग्रामीणों की मांग है कि जब तक सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट की ओर मार्च किया, इसी दौरान हालात बिगड़ने पर पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
प्रशासन और जनप्रतिनिधि नहीं करवा पाए समझौता
घटना के तीन दिन बाद भी परिजन और ग्रामीण प्रशासन से संतुष्ट नहीं हैं। वे आरोप लगा रहे हैं कि आरोपी प्रभावशाली है और यही वजह है कि इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना था कि सुभाष को न्याय दिलाने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द गिरफ्तारी नहीं हुई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।