चिड़ावा, 23 मई 2025: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर तिरंगा रैली के जरिए भारतीय सेना की वीरता को सलाम करने जुटे नेता और कार्यकर्ता आपस में ही उलझ गए। जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी की अगुवाई में निकली रैली का माहौल उस समय तनावपूर्ण हो गया जब विवेकानंद चौक पर ज्ञापन सौंपने के दौरान नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच तू-तू मैं-मैं शुरू हो गई।

मामला वार्ड नंबर 12 में पेयजल समस्या को लेकर ज्ञापन देने से शुरू हुआ। वार्ड के लोग नया ट्यूबवेल बनवाने की मांग कर रहे थे। तभी पूर्व पार्षद रविकांत शर्मा भी अपनी मांगों का ज्ञापन लेकर पहुंचे। उन्होंने आग्रह किया कि अगर आपकी बातचीत खत्म हो गई हो, तो हम भी ज्ञापन दे दें। इस पर ज्ञापन दे रहा व्यक्ति भड़क उठा और जवाब में रविकांत भी गरज पड़े—”वोट तो कांग्रेस को देते हो, काम बीजेपी से करवाते हो!”
माहौल में और तीखापन तब आ गया जब पत्रकार और भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता शंभू पंवार ने मंच पर ही जलदाय मंत्री के सामने भाजपा जिला महामंत्री राजेश दहिया पर वार्ड 14 में ट्यूबवेल पास करवाने पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। पंवार ने जलदाय विभाग में एईएन तथा जेईएन नहीं होने का आरोप लगाया। दहिया ने जवाब में कहा, “मैंने 12 ट्यूबवेल की अनुशंसा की थी, सिर्फ तीन मंजूर हुए। बाकी में आपका भी है, अगर मंत्री जी पास करते हैं तो मुझे कोई आपत्ती नही है!”

मंत्री कन्हैया लाल ने पंवार से कहा, “मैने डेढ़ सौ किलोमीटर आकर गलती कर दी,” तो पंवार और भड़क गए और मंत्री को ही लपेटते हुए बोले, “पार्टी कार्यकर्ता अपनी समस्या आपसे नहीं कहेंगें तो किससे कहेंगे?” मामला यहीं नहीं रुका—मंच से उतरते-उतरते पंवार और दहिया ने एक-दूसरे की झंड़ी उखाड़ देने की धमकी दे डाली।
कार्यकर्ताओं ने बीच-बचाव कर माहौल को ठंडा किया, लेकिन रैली की गरिमा और उद्देश्य इस सियासी गर्मी में कहीं पीछे छूट गए।