Friday, August 22, 2025
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आर्थिक संकट से जूझता पाकिस्तान अब चीन से मांगेगा मदद, वांग यी से मिलेंगे इशाक डार

पाकिस्तान: आईएमएफ से राहत पैकेज मिलने के तुरंत बाद पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार सोमवार को चीन की आधिकारिक यात्रा पर रवाना होंगे। यह यात्रा भारत-पाकिस्तान सीजफायर के बाद उनकी पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा है। इस दौरान डार बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जिसमें आर्थिक सहायता, व्यापार सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा की जाएगी।

विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान अब चीन से भी वैसी ही आर्थिक राहत की उम्मीद कर रहा है जैसी हाल ही में आईएमएफ से मिली है। पाकिस्तान की बिगड़ती आर्थिक स्थिति और विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट ने सरकार को फिर से बीजिंग का रुख करने पर मजबूर कर दिया है।

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भारत-पाकिस्तान सीजफायर के बाद नई कूटनीतिक हलचल

10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद यह पाकिस्तान की पहली उच्चस्तरीय कूटनीतिक यात्रा है। चीन ने इस सीजफायर का स्वागत करते हुए इसे क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण करार दिया था। इससे पहले भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और गुलाम कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे, जिनमें कई ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया गया था।

चीन में त्रिपक्षीय वार्ता: पाकिस्तान, अफगानिस्तान और चीन आमने-सामने

चीन की राजधानी बीजिंग में 20 मई को एक त्रिपक्षीय बैठक आयोजित होगी, जिसमें पाकिस्तान और चीन के विदेश मंत्रियों के साथ अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भी शामिल होंगे। इस बैठक का उद्देश्य तीनों देशों के बीच:

  • क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देना
  • सीमा पार सुरक्षा सहयोग
  • आतंकवाद पर समन्वित रणनीति
  • भारत-पाकिस्तान संघर्ष की समीक्षा

बताया जा रहा है कि चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीपेक (CPEC) के विस्तार और अफगानिस्तान में संवेदनशील सुरक्षा मुद्दों पर भी चर्चा होगी।

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पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बनी गंभीर चिंता का विषय

पाकिस्तान में महंगाई, मुद्रा अवमूल्यन और बढ़ते विदेशी कर्ज के बीच इशाक डार की यह यात्रा कर्ज सहायता और चीन से निवेश प्राप्त करने की दिशा में एक अहम प्रयास मानी जा रही है।

विश्लेषकों का मानना है कि चीन इस मौके का लाभ उठाते हुए पाकिस्तान पर अपनी रणनीतिक निर्भरता और नियंत्रण और अधिक बढ़ा सकता है, विशेषकर बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के दायरे में आने वाले प्रोजेक्ट्स में।

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