नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पाकिस्तान की दुष्प्रचार नीति का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्दाफाश करने के लिए 23 मई से एक ऑल पार्टी डेलिगेशन विदेश भेजने का निर्णय लिया है। इस मिशन को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया है। इसके तहत सात टीमें अलग-अलग देशों का दौरा करेंगी और पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने, कश्मीर पर झूठे दावों और भारत के खिलाफ फैलाए जा रहे दुष्प्रचार को बेनकाब करेंगी।
लेकिन इस राष्ट्रीय कूटनीतिक प्रयास में कांग्रेस नेता शशि थरूर की नामजदगी ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है।
शशि थरूर की नामजदगी पर कांग्रेस का ऐतराज
केंद्र सरकार ने डेलिगेशन में शशि थरूर को एक टीम का लीडर नियुक्त किया है जो अमेरिका का दौरा करेगी। सरकार द्वारा जारी आधिकारिक सूची में सात डेलिगेशन लीडर्स के नाम शामिल हैं, जिनमें शशि थरूर भी एक हैं। परंतु कांग्रेस ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने स्पष्ट शब्दों में कहा,
“कांग्रेस ने जो चार नाम भेजे थे, उन्हें बदला नहीं जाएगा। कांग्रेस में होना और कांग्रेस का होना — इन दोनों में फर्क है।”
इस बयान के बाद से ही अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या शशि थरूर पर पार्टी अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी में है?
राहुल गांधी की सूची में शशि थरूर नहीं
सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने कांग्रेस की ओर से जिन चार नेताओं के नाम केंद्र सरकार को भेजे थे, उनमें ये नाम शामिल हैं:
- आनंद शर्मा
- गौरव गोगोई
- सैयद नसीर हुसैन
- राजा बरार
इनमें शशि थरूर का नाम नहीं था, लेकिन सरकार ने उन्हें डेलिगेशन में न केवल शामिल किया, बल्कि अमेरिका की टीम का नेतृत्व भी सौंप दिया। इस पर कांग्रेस ने नाराज़गी जताई है।
शशि थरूर का रुख अलग, सरकार को कहा धन्यवाद
कांग्रेस की नाराज़गी के बावजूद शशि थरूर ने सरकार का आभार व्यक्त किया और कहा:
“जब बात राष्ट्रीय हित की हो, तो मैं हर संभव सेवा के लिए उपलब्ध रहूंगा।”
थरूर के इस बयान ने कांग्रेस को और असहज कर दिया है। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर बहस तेज हो गई है।

कांग्रेस के भीतर असहजता, पार्टी लाइन से भटकाव?
शशि थरूर पहले भी पार्टी लाइन से हटकर कई बार मोदी सरकार की विदेश नीति और नेतृत्व की प्रशंसा कर चुके हैं:
- मोदी-ट्रंप मुलाकात
- रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का संतुलित रुख
- ‘विकास और सुरक्षा’ के मुद्दों पर सरकार के रुख की सराहना
इन कारणों से थरूर को लेकर कांग्रेस के भीतर एक वर्ग लंबे समय से नाराज़ बताया जा रहा है।
कांग्रेस क्या कार्रवाई करेगी?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जयराम रमेश का बयान महज चेतावनी नहीं, बल्कि संभावित कार्रवाई का संकेत है। “कांग्रेस में होना और कांग्रेस का होना” जैसे शब्द इस ओर इशारा कर रहे हैं कि पार्टी थरूर को बाहर का रास्ता दिखा सकती है या अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
भाजपा का हमला: ‘कांग्रेस की दोहरी नीति उजागर’
भाजपा नेताओं ने इस विवाद को कांग्रेस की “अंदरूनी गुटबाजी” और “राष्ट्रहित के मामलों में भ्रमित नीति” करार दिया है। भाजपा प्रवक्ताओं ने कहा कि शशि थरूर जैसे अनुभवी नेता को कांग्रेस खुद ही किनारे लगा रही है, जो उसके भीतर लोकतांत्रिक सोच की कमी को दर्शाता है।