नई दिल्ली: ओलंपिक में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाले जेवलिन थ्रो खिलाड़ी नीरज चोपड़ा को अब भारतीय सेना में एक नई और महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी गई है। उन्हें टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल की उपाधि दी गई है। यह उपाधि उन्हें टेरिटोरियल आर्मी रेगुलेशन 1948 के पैरा-31 के अंतर्गत दी गई है।

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्रदान की गई इस उपाधि के साथ नीरज अब सेना में विशेष पहचान के साथ सेवा देंगे। इससे पहले वे भारतीय सेना की राजपूताना राइफल्स यूनिट में सूबेदार के पद पर कार्यरत थे। 2016 में उन्होंने नायब सूबेदार के रूप में सेना में प्रवेश किया था।
ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा की उपलब्धियों की सूची में जुड़ा एक और अध्याय
नीरज चोपड़ा का नाम उन चंद भारतीय एथलीटों में शुमार है, जिन्होंने ओलंपिक में देश के लिए व्यक्तिगत पदक हासिल किया है। टोक्यो ओलंपिक 2021 में नीरज ने भाला फेंक स्पर्धा में अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर की दूरी तय कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यह प्रदर्शन भारत के लिए एथलेटिक्स में पहला व्यक्तिगत स्वर्ण था।
इसके बाद 2024 में आयोजित पेरिस ओलंपिक में भी नीरज ने अपना दमखम दिखाते हुए सिल्वर मेडल हासिल किया। इस उपलब्धि के साथ उन्होंने ओलंपिक में लगातार दो पदक जीतने वाले चुनिंदा भारतीय खिलाड़ियों में अपना नाम दर्ज करा लिया।
खेल के साथ अब सेना में भी निभाएंगे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
लेफ्टिनेंट कर्नल बनाए जाने के बाद नीरज चोपड़ा अब भाले के साथ भारतीय सेना की जिम्मेदारियों में भी सक्रिय रूप से भाग लेंगे। सेना में उनकी यह नई भूमिका न केवल सम्मानजनक है, बल्कि युवाओं के लिए एक प्रेरणा भी बनेगी।

भारतीय सेना में नीरज से पहले भी कई प्रतिष्ठित खिलाड़ी टेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा बन चुके हैं। इनमें क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का नाम प्रमुख है, जो पहले से ही टेरिटोरियल आर्मी में कार्यरत हैं।
व्यक्तिगत जीवन में भी नई शुरुआत
नीरज चोपड़ा ने हाल ही में 2025 में प्रोफेशनल टेनिस खिलाड़ी हिमानी मोर से विवाह किया है। उनकी लोकप्रियता और खेल में लगातार बेहतर प्रदर्शन की वजह से उन्हें कई नामी ब्रांड्स के विज्ञापन ऑफर मिल चुके हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हुई है।